इंदौर से लगे रालामंडल से बाहर आया तेंदुआ लिंबोदी गांव के रहवासी क्षेत्र में छुप गया था। उसे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने डेरा डाल लिया था। तेंदुआ (leopard ) सुबह से एक बच्चे समेत चार लोगों को पंजा मारकर घायल कर चुका था। घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। दहशत में लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। लिंबोदी गांव में कर्फ्यू जैसे हालात बन गए थे।
बताया जा रहा है कि सर्चिंग के दौरान गुरुवार सुबह लिंबोदी क्षेत्र में तेंदुआ दिख गया। वन विभाग की टीम जब तेंदुए को घेरने लगी तो वह खेमराज राठौर नाम के शख्स के घर में घुस गया। उस समय खेमराज बाथरूम में नहा रहे थे और उनकी पत्नी पद्मा किचन में खाना बना रही थी। तेंदुए ने उनकी पत्नी पर हमला कर दिया और पंजा मार दिया। उस कारण पद्मा के शरीर पर खरोंच आ गई है। पत्नी ने जब चिल्लाया तो उनके पति खेमराज बाथरूम से बाहर आ गए, इस पर तेंदुए ने उन पर भी हमला कर दिया।
इससके बाद तेंदुआ एक निर्माणाधीन मकान के निचले हिस्से में छुप गया, जहां चौकीदार सुखलाल का नाती और नातिन खेल रहे थे। तभी तेंदुआ ने नातिन को पकड़ लिया और सिर को मुंह में दबा लिया। यह नजारा देख बच्चे की मां और चौकीदार जोर से आवाज लगाते हुए बच्ची की तरफ दौड़े तो तेंदुए ने बच्चे को छोड़ दिया और चौकीदार पर लपक गया। उसका हाथ उसने अपने मजबूत जबड़े में भर लिया था।
दहशत में गांव में छाया सन्नाटा
तेंदुए के हमले के बाद लोग अपने घरों में घुस गए और गांव में कर्फ्यू जैसा माहौल लगने लगा था। पुलिस और वन विभाग की टीम ने तेंदुए को चारों तरफ से घेर लिया। लोगों को हिदायद की जा रही थी कि वे अपने घरों से न निकले। इस बीच पुलिस ने आसपास की दुकानें भी बंद करवा दी थी।
बंदूक की आवाज से डरा
इस बीच वन विभाग की ट्रेंकोलाइजर गन भी तैयार थी। जैसे ही एक कर्मचारी ने गन चलाई तो तेंदुआ डरकर उछाल मारते हुए बाहर निकल गया और दहाड़कर फिर भीतर चले गया। थोड़ी देर बाद उसे बेहोश करने वाला इंजेक्शन लगा दिया गया। थोड़ी देर बाद ही वो बेहोश हो गया और वन विभाग के अमले ने उसे पकड़ लिया। बाद में उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
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एक नजर
तेंदुआ स्टेट बन चुका है मध्यप्रदेश
दिसंबर 2017 से मार्च 2018 तक देशभर में चले बाघ आकलन के दौरान प्रदेश में 3421 तेंदुओं की गणना हुई है, जो देशभर में सबसे अधिक हैं। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने तेंदुआ गिनती के आंकड़े घोषित किए हैं। साल 2014 की गिनती में प्रदेश में 1817 तेंदुए थे। इस तरह प्रदेश में इन चार सालों के भीतर 1604 तेंदुों की बढ़ोतरी हुई है। इसी के साथ मध्यप्रदेश तेंदुआ स्टेट भी बन चुका है। इससे पहले मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट, घड़ियाल स्टेट बन चुका है और गिद्ध स्टेट भी बनने जा रहा है।