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ऐसा क्या हुआ कि इंदौर की संस्था ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लिखा पत्र

locationइंदौरPublished: Oct 19, 2019 03:01:48 pm

– आदर्श सिलेक्शन प्रोसेस का ड्राफ्ट तैयार कर प्रधानमंत्री को भेजा
 

ऐसा क्या हुआ कि इंदौर की संस्था ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लिखा पत्र

ऐसा क्या हुआ कि इंदौर की संस्था ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लिखा पत्र

इंदौर. सुप्रीम कोर्ट और हाकोर्ट में सरकार का पक्ष रखने वाले शासकीय अधिवक्ताों की नियुक्तियां योग्यता (मेरिट) के आधार पर करने को लेकर मांग उठी है। इसके लिए बकायाता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा गया है। पत्र के साथ ही सरकारी वकीलों के लिए आदर्श सिलेक्शन प्रोसेस का ड्राफ्ट बनाकर कानून मंत्रालय को भी भेजा गया। इंदौर की एक संस्था द्वारा किए गए रिसर्च मेे एक बात सामने आई है कि अधिकांश हाई कोर्ट की पीठों में राजनीतिक जुड़ावा वाले लोगों को शासकीय वकील नियुक्ति किया जाता है। जिस पार्टी की सरकार होती है इससे जुड़े वकीलों को ही यह जिम्मेदारी दी जाती है। वकालत की योग्यता और काबिलियत के स्थान पार्टी के करीबी वकील यह जिम्मेदारी संभालते हैं। यह होने से वे अधिक प्रभावी तरीकों से सरकार का पक्ष नहीं रख पाते हैं। इसी को आधार बनाकर मेरिट के आधार पर चयन की मांग की गई है। संस्था न्यायाश्रय ने रिसर्च पर सीनियर वकीलों ने भी सहमति जताई है। संस्था के प्रमुख पंकज वाधवानी ने बताया हमने सरकारी वकीलों की नियुक्ति के लिए स्कीम ड्राफ्ट भी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भेजा है।निचली अदालतों के लिए परीक्षा तो यहां क्यों नहींसंस्था का कहना है मजिस्ट्रेट न्यायालय में अभियोजन का पक्ष रखने के लिए एडीपीओ (अभियोजन अधिकारी) पद की परीक्षा होती है, उसमें और साक्षात्कार में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है लेकिन सेशन कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकीलों की नियुक्ति के लिए कोई परीक्षा नहीं होती। राजनीति पार्टीयों के करीबियों को यह मौका दियाजता है, जो अनुचित है। ये वकील इसके चलते कई बार जनता के बजाए सरकार की गलत नीतियों का भी बचाव करते हैं। जबकि उनका वेतन जनता द्वारा दिए गए टैक्स से मिलता है।ये हो आदर्श सिलेक्शन ड्राफ्टसंस्था की ओर से शासकीय वकीलंों की नियुक्ति की प्रक्रिया का एक ड्राफ्ट भी तैयार कर भेजा है। जिसके तहत नियुक्ति मेरिट के आधार पर हो। सिर्फ लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के साथ सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में चलने वाली प्रक्रियाओं का जानकारी तथा न्यायिक दृष्टांतो की जानकारी अनिवार्य हो। इसका पाठ्यक्रम एवं परीक्षा कार्यक्रम निर्धारित हो। कोर्ट में पेश की जाने वाली पिटीशन, ड्राफ्टिंग, रिप्लाई तथा कंडक्ट की जानकारी हो।
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