मामले को लेकर बडगोंदा थाना पुलिस का कहना है कि, शनिवार की सुबह इलाके के कैलोद ग्राम में विनोद डांगे नामक युवक अपने मकान में काम शुरु कराने की गरज से मौके पर पहुंचा था। यहां मकान के नजदीक घास में उसे कुछ संदिग्ध चीज दिखाई दी। इस दौरान उसने आसपास के लोगों को भी बुला लिया। लोगों ने उसे देखकर बम होने का संदेज जताया। इसके बाद विनोद समेत अन्य लोगों ने मिलकर मामले की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बम होने की पुष्टि करते हुए आर्मी अफसरों को सूचित किया। अफसर मौके पर पहुंचे, जिन्होंने बताया कि, बम जिंदा हालत में था। यानी सिविलियंस द्वारा किसी तरह की गलती किये जाने पर वो फट भी सकता था। फिलहाल, अफसरों ने पूरा इलाका खाली कराकर बम डिफ्यूज कर दिया।
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टैंक भेदी गन का था ये गोला- आर्मी
बम डिफ्यूज करने आए आर्मी टीम के अफसर के अनुसार, महू के नजदीक दो अलग-अलग आर्मी रेंज हैं, जहां टैंक भेदी RL गन (कार्ग गुस्ताफ रॉकेट लॉन्चर) के फायर की प्रैक्टिस की जाती है। इसे आम व्यक्ति अपनी भाषा में बम कहता है। प्रैक्टिस के दौरान जितने भी मिस फायर होते हैं, उसे सेशन के आखिर में उसी जगह डिफ्यूज कर दिये जाते हैं। अधिकारियों के अनुसार, जो गोला ग्रामीण ने देखा था, वो 84 mm गन का है। हालांकि उसकी हालत से वो काफी पुराना मालूम हो रहा था। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से उसे तुरंत ही इलाका खाली कराकर नष्ट कर दिया गया है।
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