आष्टा के रहने वाले तेज सिंह मेवाड़ा पेट में बार-बार पानी भरने की समस्या से परेशान रहते थे। उनके पेट में 10 लीटर तक पानी भर जाता था। दवा से भी उनका इलाज नहीं हो पा रहा था। ऐसी स्थिति में उनकी पत्नी लाड़कुंवर ने उन्हें लिवर का हिस्सा डोनेट किया। उनकी पत्नी आपरेशन के बाद ठीक होकर घर जा चुकी हैं, अब उनके पति भी ठीक होकर घर जा रहे हैं। तेज सिंह मेवाड़ा आष्टा के पास एक गांव में पंचायत सचिव है।
अस्पताल के मुताबिक तेज सिंह का सफल आपरेशन 16 जुलाई को हुआ था। एक सप्ताह बाद ही लाड़कुंवर को डिस्चार्ज कर दिया गया। अब तेज सिंह स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं। डाक्टरों की सलाह पर लाड़कुंवर ने उन्हें अपने लिवर का हिस्सा दिया। डा. अमोल पाटिल तेज सिंह का इलाज कर रहे थे।
डाक्टरों के मुताबिक कैडेबर आर्गन डोनेशन में मृत व्यक्ति का आर्गन मरीज को लगाया जाता है, लाइव डोनेशन में किसी जीवित व्यक्ति या रिश्तेदार का आर्गन लिया जाता है। संभवतः लाइव डोनर लिवर ट्रांसप्लांट ( Living-donor liver transplant ) आपरेशन मध्यप्रदेश का पहला सफल आपरेशन रहा है। डोनर के लिवर से 575 ग्राम हिस्सा निकाला, जो 6 सप्ताह में रिजनरेट हो जाएगा। तेज सिंह के आपरेशन में से 10 लीटर पानी भी निकाला गया।
इससे पहले सितम्बर 2017 में इंदौर के चोइथराम अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट हो चुका है। डेथ मरीज वीना परियानी का हार्ट मेदांता अस्पताल में महू के संजय अग्रवाल को लगाया गया था। लिवर धर्मेंद्र जायसवाल को चोइथराम अस्पताल में प्रत्यारोपित किया गया था। इसके अलावा शहर में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर कई बार आर्गन डोनेट किए जा चुके हैं। ग्रीन कॉरिडर बनाकर उनके आर्गन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल पहुंचाए जा चुके हैं।