आइईटी में एक बोरिंग बंद है और दूसरे बोरिंग में पानी बहुत नीचे चला गया है। इसलिए हास्टल में पानी की कमी बनी हुई है. इसके चलते यहां टैंकर से पानी सप्लाई हो रहा है। दो दिन में एक टैंकर आता है। हास्टल की प्रत्येक मंजिल पर एक-एक वाटर कूलर लगा है, लेकिन विद्यार्थियों का कहना है कि लाकडाउन के बाद से सभी पड़े हैं। हास्टल वार्डन को कई बार शिकायत की जा चुकी है पर मेंटेनेंस कराने की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में उचित कदम उठाने की मांग की है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन दिनों स्टूडेंट को सिर्फ मेस के वाटर कूलर से ही पीने का पानी मिलता है। रात दस बजे जैसे ही मेस बंद हो जाती है, इसके बाद पीने के पानी की समस्या खड़ी हो जाती है। रात में विद्यार्थियों को बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है। बीते दिनों वाटर कूलर की सफाई करने का विचार किया तो उसमें मरी हुई कई छिपकलियां पड़ी थीं। अच्छा पानी नहीं मिलने से विद्यार्थी बीमार भी पड़ रहे हैं। इधर वार्डन का कहना है कि बोरिंग बंद होने से समस्या हो रही है। वाटर कूलर जल्द ठीक करवाना है। टैंकर नियमित रूप से बुलवाए जा रहे हैं।