विधानसभा चुनाव खत्म होते ही निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ में भाजपा व कांग्रेस बिसात जमाने में लग गई है। भाजपा ने संभागवार दो दिनी बैठकों का सिलसिला शुरू करके अपने मूल संगठन के साथ में मोर्चा प्रकोष्ठों को भी विधानसभा चुनाव के हार का गम भुलाकर काम पर लगने का मूल मंत्र दे दिया।
पार्टी कोई जोखिम लेना नहीं चाहती है ताकि प्रदेश के चुनाव जैसी कोई परिस्थिति फिर बने। इसके साथ लोकसभा की सबसे ऊंची आसंदी पर बैठने वाली अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी तैयारियों में जुट गई हैं। दो दिन पहले दीनदयाल भवन में पहुंचकर ताई ने इसके साफ संकेत दे दिए।
संभागीय बैठक में शामिल होने के बाद में उन्होंने बंद कमरे में संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा व अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा से बात की। उसके अलावा उन्होंने नगर निगम के संपत्तिकर के नोटिस को लेकर निगमायुक्त आशीष सिंह को भी तलब किया।
अब संगठनात्मक पकड़ को मजबूत करने के लिए वे कार्यकर्ताओं के बीच जाने की तैयारी कर रही हैं। जनवरी में शहर के सभी 18 मंडल व 85 वार्डों की बैठकें लेने की योजना बनाई जा रही है। उसके अलावा ताई सामाजिक संगठनों से भी बात करेंगी ताकि किसी की राजी नाराजगी हो तो समय से पहले दूर की जा सके।
कांग्रेस सरकार की होगी घेराबंदी
विधानसभा चुनाव में इंदौर लोकसभा की सभी ग्रामीण सीट भाजपा हार गई। ताई के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय वही है, क्योंकि सांवेर व राऊ में उनकी पसंद से टिकट दिए गए थे। देपालपुर में मनोज पटेल से भी उनके अ’छे ताल्लुक हैं। तीनों विधानसभाओं को लेकर अलग से रणनीति बनाई जाएगी।
ताई ने अपने से जुड़े ग्रामीण क्षेत्र के नेताओं को साफ कर दिया कि कमलनाथ सरकार की घेराबंदी का कोई भी मौका नहीं चुकाना चाहिए। ग्रामीण नेता अब उन किसानों की सूची निकाल रहे हैं, जिनका कर्ज माफ नहीं हुआ। इसके अलावा कांग्रेस सरकार आते ही खड़ी हुई यूरिया और बिजली की समस्या को लेकर भी घेराबंदी का प्रयास करेंगे।