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लोकसभा चुनाव : ऐसा हुआ चमत्कार कि प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाली विधानसभा पर भारी पड़ी हारी हुई सीट

locationइंदौरPublished: May 24, 2019 11:02:13 am

Submitted by:

Mohit Panchal

दो नंबर पर भारी पड़ा… एक नंबर का दम, ६ माह में बदल गया परिणाम, जीत का अंतर सिर्फ 338 वोटों का

sankar lalwani

लोकसभा चुनाव : ऐसा हुआ चमत्कार कि प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाली विधानसभा पर भारी पड़ी हारी हुई सीट

इंदौर। भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी ने 5 लाख 74 हजार से अधिक मतों से अपनी जीत दर्ज कराई। एक भी ऐसी विधानसभा नहीं रही, जहां से उन्हें लीड नहीं मिली। सबसे चौंकाने वाले परिणाम एक नंबर विधानसभा के आए हैं, जो दो नंबर पर भारी रहा। दोनों के बीच महज 338 वोटों का ही अंतर है, जबकि ६ माह पहले यहां पार्टी की हार हुई थी। भाजपा ने यहां दमदारी से वापसी की है।
परिणाम आने के बाद भाजपा हलकों में विधानसभावार जीत की समीक्षा शुरू हो गई। सबसे ज्यादा किसी विधानसभा ने चकित किया तो वह है एक नंबर। लालवानी ने यहां से 1 लाख २ हजार ६८३ वोटों की जीत दर्ज कराई। छह माह पहले विधानसभा चुनाव में सुदर्शन गुप्ता यहां से ८ हजार ८ सौ से अधिक मतों से हारे थे। हार का आंकड़ा पार करने के बाद इतनी बड़ी जीत दर्ज करवाना बड़ी बात है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि भाजपा का परंपरागत मतदाता वापस लौट आया है, जिसने २०१४ के लोकसभा चुनाव में सुमित्रा महाजन को ८८ हजार की जीत दिलवाई थी। इसका सीधा मतलब ये भी है कि विधानसभा में भाजपा नहीं, बल्कि सुदर्शन गुप्ता चुनाव हारे थे।
वास्तविकता में एक नंबर विधानसभा की जीत दो नंबर पर भारी है। विधायक रमेश मेंदोला के यहां से लालवानी १ लाख ३ हजार २१ वोटों से चुनाव जीते यानी ३३८ वोट ज्यादा हैं। अब बात करें तो दो नंबर से ज्यादा विपरीत परिस्थिति एक नंबर की है। यहां मुस्लिम वार्ड चंदन नगर वार्ड से लालवानी ११ हजार ५०० वोटों से हारे तो बड़वाली चौकी वार्ड का आंकड़ा भी ८ हजार से अधिक ही रहा। कुल मिलाकर २० हजार का गड्ढा तो यंू ही सामने आ गया, जबकि दो नंबर में मुस्लिम बाहुल्य वार्ड ही नहीं हैं। इस मायने में देखा जाए तो दो नंबरी लीड पर एक नंबर की जीत भारी है।
सिरपुर से भागीरथपुरा तक, एक दिखी भाजपा
विधानसभा चुनाव के बाद एक नंबर भाजपा में जमीन-आसमान का अंतर आ गया। पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के विरोधी जो पांच साल से लूप लाइन में थे, वे मुख्य धारा में आ गए। पूर्व विधायक की टीम के साथ वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन, निरंजनसिंह चौहान, भगवती शर्मा, दिनेश शुक्ला, सुभाष परमार व राजेंद्र शुक्ला सहित कई नेता दमदारी से मैदान में थे। इधर, संगठन की कमान राजेश शर्मा, विजय बिंजवा और रमाकांत गुप्ता ने संभाल रखी थी, तो छह माह बाद होने वाले नगर निगम चुनाव की वजह से पार्षद भी दमदारी से लगे हुए थे।
अलग से खोला मोर्चा
कल शाम जीत के लिए राजबाड़ा पहुंचने के लिए पूर्व विधायक गुप्ता ने राजमोहल्ला पर सबको इक_ा होने की सूचना दी थी। वहीं, विरोधी खेमा भाजयुमो के बैनर तले बड़ा गणपति पर इक_ा हो गया, जिसमें दिनेश शुक्ला, अमरदीप मोर्य, चांदू, सुभाष परमार, भगवती शर्मा, राजेश शर्मा व मोर्चा मंडल अध्यक्ष सतीश बैरागी प्रमुख थे। जमकर आतिशबाजी की गई और बाद में वे सीधे राजबाड़ा पहुंचे।
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