इंदौर संसदीय सीट पर चुनाव में रिकॉर्ड 70 फीसदी मतदान के बाद भाजपा और कांग्रेस पार्टी सोमवार को दिनभर विश्लेषण में जुटी रही।
Election 2019 : इन दो विधानसभा को लेकर भाजपा में चिंता, कांग्रेस को यहीं से जीत की उम्मीद
इंदौर. इंदौर संसदीय सीट पर रविवार को चुनाव में रिकॉर्ड 70 फीसदी मतदान के बाद भाजपा और कांग्रेस पार्टी सोमवार को दिनभर विश्लेषण में जुटी रही। दोनों ही दलों के रणनीतिकार बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के आधार पर जीत-हार का अनुमान लगाते रहे। दोनों पार्टियों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं। भाजपा जहां डेढ़ लाख से जीत का अनुमान लगा रही है, वहीं कांग्रेसी कम से कम 15 हजार मतों से जीत का दावा कर रहे हैं। इंदौर-2 और 4 को लेकर भाजपा में चिंता की लकीरें हैं तो कांग्रेस को यहीं से जीत की उम्मीद दिख रही है।
भाजपा : संघ से भी लिया फीडबैक भाजपा ने चुनाव समीक्षा का काम रविवार रात से शुरू कर दिया था। लोकसभा सीट के आठों विधानसभा क्षेत्रों के बूथ कार्यकर्ताओं से देर रात तक फीडबैक लिया। संघ कार्यालाय से भी वोटों के अनुमान पर फीडबैक लिया है। पार्टी का गढ़ माने जाने वाले विधानसभा इंदौर दो और चार में में अपेक्षा अनुरूप बढ़त (लीड) नहीं मिलने की आशंका है। रविवार को दो और चार में कार्यकर्ताओं की सक्रियता भी कम रही। 8 विधानसभा क्षेत्रों में सबसे कम मतदान भी इन्हीं दो विधानसभा हुआ है। विधानसभा चुनाव के दौरान दो नंबर में सर्वाधिक 72 हजार और चार नंबर में करीब 45 हजार से भाजपा उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी, लेकिन उतने वोट लोकसभा में मिलने का अनुमान नहीं है। इसके विपरीत ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा को लीड मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। विधानसक्षा एक, तीन और पांच के मुस्लिम क्षेत्रों में हुई वोटिंग को कांग्रेस के पक्ष में जोडक़र पार्टी परिणाम अपने पक्ष में मान रही है। पार्टी को मिले फीडबैक के अलावा मोदी फैक्टर के आधार पर भी जीत हार के अंतर का अनुमान लगाया जा रहा है।
कांग्रेस : देर रात तक चला मंथन मतदान खत्म होने के बाद कांग्रेस मशीनों को सही सलामत स्ट्रांग रूम तक पहुंचाने तक वहां डटी रही। देर रात कांग्रेस नेताओं ने सभी विधानसभा क्षेत्रों की वोटिंग का जायजा लिया। विधानसभावार बूथों की स्थिति का आकलन करने के बाद सोमवार सुबह से वरिष्ठ नेता समीक्षा में जुट गए। विधानसभा इंदौर-2 में वोटिंग प्रतिशत कम रहने से कांग्रेस को उम्मीद है। यहां पर विधानसभा में मोहन सेंगर 72 हजार से हारे थे, लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है, बीते दो माह में उनकी सक्रियता और संघवी के निजी संबंधों का फायदा मिलेगा, जिससे लीड कम होगी। इसी तरह से विधानसभा इंदौर 4 में भी सिंधी समाज में विरोध और वैश्य वर्ग की एकजुटता का लाभ मिलेगा। कांग्रेस विधानसभा इंदौर 5 में बेहद करीबी मुकाबले हारी थी, वहां फर्जी वोटरों को रोकने पर लगाई ताकत के साथ अल्पसंख्यक क्षेत्रों खजराना और आजादनगर के साथ कांग्रेस के पुराने गढ़ मूसाखेड़ी क्षेत्र में वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी पर खुशी जताई। कांग्रेस को उम्मीद है, इंदौर 1 सहित सांवेर और देपालपुर कांग्रेस को बढ़त दिलाएंगे। हालांकि इंदौर-3 और राऊ में कांग्रेस को ज्यादा लीड की उम्मीद नहीं है।
अध्यक्षों का अनुमान कम से कम 1.50 लाख की जीत : नेमा भाजपा के नगर अध्यक्ष गोपी नेमा का कहना है, इंदौर के इतिहास में पहली बार 70 प्रतिशत मतदान हुआ है जो भाजपा के पक्ष में है। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के बाद शंकर लालवानी कम से कम 1.50 लाख मतों से जीतेंगे। यह आंकड़ा बढक़र दो लाख तक पहुंच सकता है। इंदौर -2 और 4 में विधानसभा चुनाव की तरह लीड नहीं मिलने पर उन्होंने सहमति जताई।
15 हजार से मतों से जीतेंगे : बाकलीवाल कांग्रेस के कार्यवाहक शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल बोले, तीन माह में सरकार के कामकाज के तरीके को देखते हुए साफ है कि कांग्रेस से जनता खुश है। 70 फीसदी मतदान कांग्रेस के पक्ष में है। बूथस्तर पर जो स्थिति देखी है, उसमें हम सीट को कम से कम 15 हजार से जीतेंगे। इंदौर दो और चार में भाजपा की विधानसभा की जो लीड थी, वो निश्चित ही कम होगी।