प्रशासन ने नवाचार के लिए पहले ही एक्सरसाईज कर चुके थे। अपर कलेक्टर भाव्या मित्तल ने बताया कि एक दिन पहले शुक्रवार रात में स्ट्रांग रुम से सामग्री काउंटर के पीछे पहुंचना शुरू कर दिया था। सुबह ५ बजे तक सभी विधानसभाओं के काउंटर पर सामग्री पहुंच गई थी। इतना ही नहीं मतदान ड्यूटी में लगे सभी कर्मचारियों को रात एक बजे तक मैसेज पहुंचा दिए गए थे। इन मैसेज में मतदान दल, विधानसभा, टेबल के रंग और अन्य आवश्यक जानकारी दे दी गई थी। इससे अधिकारी एवं कर्मचारियों को अपनी टेबल तक पहुंचने में दिक्कत ना हो। उन्होंने बताया कि सामग्री वितरण में २३ सौ कर्मचारी लगे हुए थे।
सबसे पहले देपालपुर विधानसभा में पहुंचा दल-
सबसे पहले देपालपुर विधानसभा में पहुंचा दल-
ग्रामीण विधानसभा देपालपुर, सांवेर, राऊ और धार संसदीय क्षेत्र की महू विधानसभा के दल को बुलाया गया था। इन्हें सुबह ६ बजे का समय दिया गया था। दल में शामिल कर्मचारी सुबह ५.३० बजे से पहुंचना शुरू हो गया था। सुबह ८ बजे तक ग्रामीण विधानसभाओं के दल के सामग्री दे दी गई थी। सबसे पहले देपालपुर का दल अपने मतदान केंद्र पर पहुंचा। इसके बाद महू, सांवेर और राऊ के दल केंद्रों पर पहुंचने लगे।
८ बजे से शहर की विधानसभाओं को मिली सामग्री-
८ बजे से शहर की विधानसभाओं को मिली सामग्री-
सामग्री वितरण में अव्यवस्था ना हो, इसके लिए शहरी क्षेत्र की विधानसभा एक से लेकर पांच के दलों को सुबह ८ बजे से बुलाया गया था। पांचों विधानसभाओं के दल को ९.५० मीनिट पर इंदौर चार के सभी मतदान दलों को सामग्री वितरण हो चुका था। १०.३० बजे तक पांचों विधानसभाओं के दलों को टेबल पर सामग्री पहुंचाई जा चुकी थी। १.४५ मीनिट पर स्टेडियम से ८० प्रतिशत टेबल कुर्सियां खाली हो चुकी थी।
कलेक्टर टीम के साथ लगातार करते रहे भ्रमण, कर्मचारियों से लिया फीड बैक-
कलेक्टर टीम के साथ लगातार करते रहे भ्रमण, कर्मचारियों से लिया फीड बैक-
कलेक्टर जाटव खुद सुबह स्टेडियम पहुंच गए। उन्होंने सभी अफसरों के साथ मतदान दलों के बीच पहुंचकर सामग्री वितरण की व्यवस्था के संबंध में जानकारी लेते रहे। कलेक्टर जाटव १२.३० बजे के बाद ही स्टेडियम से रवाना हुए।
कर्मचारियों ने सुनाए अपने अनुभव-
कर्मचारियों ने सुनाए अपने अनुभव-
विधानसभा चार के मतदान दाल २१६ में शामिल जयश्री पानेरी ने बताया कि उन्होंने विधानसभा में ड्यूटी की थी, लेकिन इस बार की व्यवस्था बहुत अच्छी है। पहले खिडक़ी पर सामग्री लेने में भारी मशक्कत करना पड़ती थी। इस बार टेबल पर ही बैठना है, यहीं पर सामग्री आएगी, सेक्टर अधिकारी भी यहीं आएं, उपस्थिति भी यहां पर ली गई। एेसी व्यवस्था हमेशा रहेगी तो ड्यूटी में कोई परेशानी नहीं।
देर से ही सही शुरूआत हो गई-
देर से ही सही शुरूआत हो गई-
स्वामी विवेकानंद स्कूल के शिक्षक विक्रांत आखरे ने बताया कि वे २० साल से चुनाव में ड्यूटी कर रहे है। उनका कहना था कि यह व्यवस्था पहले ही अन्य जिलों में है, लेकिन देर से ही सही प्रशासन ने शुरूआत तो कर दी। पहली बार इतनी सरल तरीके से बगैर किसी परेशानी के सामग्री हम तक पहुंची। नहीं तो हर बार हमें सामग्री तक पहुंचना होता था। हालांकि प्रशासन ने सामग्री वितरण में व्यवस्थित चेक लिस्ट, मतदाताओं की जानकारी, जिसमें दिव्यांग, शतायु, टेंडर फार्म सहित मार्गदर्शिका तक दी है।
ड्यूटी निरस्त कराने वालों की नहीं थी भीड़-
ड्यूटी निरस्त कराने वालों की नहीं थी भीड़-
सामग्री वितरण स्थल पर हमेशा ड्यूटी निरस्त कराए जाने वालों की भी भीड़ रहती थी, लेकिन इस बार अपर कलेक्टर कैलाश वानखेडे ने इस व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव किया। उन्होंने कलेक्टोरेट में अपने पास आने वाले आवेदकों को वहीं सतुष्ट कर दिया था। इतना ही नहीं ट्रेनिंग के दौरान भी एेसे कर्मचारियों की भी ड्यूटी वहीं निरस्त कर दी थी जो ड्यूटी करने में असमर्थ नजर आ रहे थे। इनमें खासकर बीमार, गर्भवती महिलाएं, जिनके बच्चे छोटे थे और शारीरिक रुप से असक्षम। प्रशासन के पास तकरीबन दो हजार आवेदन आएं थे।
एक कर्मचारी को आया दौरा, दो को बीपी हुआ हाई-
एक कर्मचारी को आया दौरा, दो को बीपी हुआ हाई-
सामग्री वितरण स्थल के दौरान इस बार कर्मचारियों की तबियत भी बहुत कम खराब हुई। विधानसभा एक के मतदान दल में शामिल ३२ वर्षीय जयदीप नामक कर्मचारी को दौरा पड़ा। ड्यूटी पर तैनात जिला अस्पताल के डे्रसर द्वारका प्रसाद मौर्य ने उन्हें तुरंत मेडिकल रुम में लेकर पहुंचे। यहां उपचार के बाद उन्हें एमवायएच रेफर किया गया। इसी प्रकार ५० वर्षीय अनुराधा परमार को बीपी की परेशानी हो गई थी। उनका बीपी स्टेबल नहीं हो रहा था। वहीं एक अन्य कर्मचारी पुरुषोत्तम को कार्डी के परेशानी थी। डॉ. दिलीप आचार्य ने बताया कि सामान्य परेशानी से ग्रसित करीब ६५ मरीजों को उपचार किया गया।
एेसी रही व्यवस्था-
– स्ट्रांग रुम से रात १२.३० बजे से सुबह ५ बजे तक विधानसभाओं के सामग्री वितरण काउंटर तक सभी सामग्री पहुंचाई गई। – मतदान दल के आने से पहले टेबलों पर ईवीएम मशीने रख दी गई।
– एक घंटे में सामग्री काउंटर से सभी टेबलों तक पहुंच गई।
– स्ट्रांग रुम से रात १२.३० बजे से सुबह ५ बजे तक विधानसभाओं के सामग्री वितरण काउंटर तक सभी सामग्री पहुंचाई गई। – मतदान दल के आने से पहले टेबलों पर ईवीएम मशीने रख दी गई।
– एक घंटे में सामग्री काउंटर से सभी टेबलों तक पहुंच गई।
– सामग्री वितरण मैदान में हर विधानसभाओं की टेबलों के पास गर्मी से राहत के लिए कुलर लगाए गए।
– ठंडे पानी के केन रखे गए। टेबलों पर छाछ तक पहुंचाई गई। – सामग्री लेकर वाहनों तक पहुंचने में नहीं हुई परेशानी। मदद के लिए १७० से अधिक टे्रनी एयरहोस्टेस लगे हुए थे।
– सुबह ६ बजे से ग्रामीण की विधानसभाओं को सामग्री वितरण की गई। सुबह ८ बजे से शहर की विधानसभाओं को सामग्री दी गई।
– ठंडे पानी के केन रखे गए। टेबलों पर छाछ तक पहुंचाई गई। – सामग्री लेकर वाहनों तक पहुंचने में नहीं हुई परेशानी। मदद के लिए १७० से अधिक टे्रनी एयरहोस्टेस लगे हुए थे।
– सुबह ६ बजे से ग्रामीण की विधानसभाओं को सामग्री वितरण की गई। सुबह ८ बजे से शहर की विधानसभाओं को सामग्री दी गई।
– मतदान दल में शामिल कर्मचारियों में सामग्री लेने के बाद दल के साथ सेल्फी भी ली गई।
– सामग्री वितरण में सहायोगी के रुप में लगे एयरहोस्टेस के छात्रों ने कलेक्टर जाटव एवं अपर कलेक्टर भाव्या मित्तल के साथ फोटो शूट की और सेल्फी तक ली गई।
– सामग्री वितरण में सहायोगी के रुप में लगे एयरहोस्टेस के छात्रों ने कलेक्टर जाटव एवं अपर कलेक्टर भाव्या मित्तल के साथ फोटो शूट की और सेल्फी तक ली गई।
नौ रंग की टेबले- इंदौर-1 हरा, इंदौर -२ पीला, इंदौर- 3 आसमानी नीला, इंदौर -4 नारंगी, इंदौर- 5 गुलाबी, राऊ बैंगनी, देपालपुर लाल, सांवेर नीला और महू के लिए स्लेटी-धूसर रंग की टेबल लगाई गई थी।