उन्होंने कहा, कई बड़े ब्रांड्स ने बाजार में बटर, घी और चीज के ऐसे प्रोडक्ट्स उतारे हैं जो वनस्पति तेल जैसे सब्स्टिट्यूट से बने हैं। लोग इन्हें खरीदते समय इन्ग्रेडिएंट पर ध्यान नहीं देते और इन्हें ओरिजनल प्रोडक्ट्स समझ लेते हैं। इसी वजह से कई बार हम यह नहीं समझ पाते कि अलग-अलग कंपनियों के बटर, चीज और घी के दामों में बड़ा फर्क क्यों है। सोढ़ी ने कहा, देश की जनता अब इन बातों पर गौर करने लगी है। हमें खरीदारी करते वक्त हमेशा इन बातों पर ध्यान देना चाहिए।
अगले 10 साल में 1.2 करोड़ परिवारों को मिलेगा रोजगार सोढी ने बताया, अगले 10 साल में डेयरी इंडस्ट्री 1.2 करोड़ परिवारों को रोजगार देगी। बाजार में जितनी तेजी से खपत बढ़ रही है, उतना ही प्रोडक्शन भी है। हमें बस किसान और ग्राहक को एक साथ लाना है। अभी 9 करोड़ लीटर दूध ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में आता है और यह 30 प्रतिशत की ग्रोथ से हर साल बढ़ रहा है। 1 लाख लीटर दूध भी यदि ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में बढ़ता है तो 5 हजार परिवारों को जॉब मिलती है, जिसमें हर परिवार प्रतिदिन 20 लीटर दूध देता है। इस मॉडल में हर परिवार या किसान 10 से 12 हजार रुपए महीने कमाता है।
क्वालिटी ही तय करती है आपकी ब्रांड इमेज सोढी ने इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन (आइएमए) द्वारा आयोजित सीइओ मीट में शहर के एंटरप्रेन्योर्स से चर्चा के दौरान कहा, सिर्फ क्वालिटी ही आपकी ब्रांड इमेज है। यदि कोई भी कंपनी अपनी क्वालिटी के लिए समर्पित है तो एक दिन बाजार में उसकी ब्रांड वैल्यू सबसे ज्यादा होगी। उन्होंने यह भी कहा, यदि आप देश के विकास और जनता के हित को सोचकर काम करते हैं तो वह बिजनेस निश्चित ही सफल रहता है।
इतनी तेजी से बढ़ रहा डेयरी उद्योग 50 करोड़ लीटर दूध का प्रोडक्शन है भारत में हर दिन
4.03 करोड़ लीटर दूध हर दिन मप्र से आता है
5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है देश में खपत
50 हजार करोड़ रुपए का सालाना बाजार है देश में
10 साल में 8.4 प्रतिशत की ग्रोथ होगी मप्र में