scriptबकाया टैक्स वसूली के लिए ढूंढ़ रहे और दो हजार कर्मचारी, अब तक इतने लगे काम पर | Looking for outstanding tax collections and two thousand employees | Patrika News
इंदौर

बकाया टैक्स वसूली के लिए ढूंढ़ रहे और दो हजार कर्मचारी, अब तक इतने लगे काम पर

अधूरी जानकारी भेजने पर जेडओ को लगाई फटकार

इंदौरMay 13, 2019 / 05:39 pm

रीना शर्मा

indore

बकाया टैक्स वसूली के लिए ढूंढ़ रहे और दो हजार कर्मचारी, अब तक इतने लगे काम पर

इंदौर. नगर निगम बकाया संपत्तिकर वसूली के जरिए खाली खजाना भरने की कवायद में लगी है। इसके लिए मुख्यालय में लगने वाले विभागों से लेकर जोनल ऑफिस में तैनात अतिरिक्त स्टाफ को बकाया टैक्स वसूली में लगाया जा रहा है। अभी तक 2800 कर्मचारियों को काम पर लगा दिया गया है। इस काम के लिए अब दो हजार और कर्मचारी ढूंढे जा रहे हैं। मुख्यालय के विभाग और जोनल ऑफिस से नाम मांगे गए हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों की अधूरी जानकारी देने पर जोनल अफसर (जेडओ) को फटकार भी लगाई गई है।
निगम राजस्व विभाग के अनुसार शहर में तकरीबन 500 करोड़ रुपए संपत्तिकर बकाया है। इसमें आम लोगों के साथ सरकारी विभाग की संपत्ति भी शामिल है। इसके साथ ही जलकर में बकाया राशि का आंकड़ा ३७० करोड़ रुपए के आसपास है। इस बकाया राशि को वसूलने के लिए निगम ने तकरीबन 2800 कर्मचारियों को काम पर लगाया है। अब इनकी संख्या बढ़ाने के लिए २ हजार और कर्मचारी ढूंढ़े जा रहे हैं। मुख्यालय में लगने वाले विभाग और जोनल ऑफिस से कर्मचारियों के नाम लिए जा रहे हैं। निगम के 19 जोन पर तैनात जेडओ से स्थापाना विभाग ने 7 कॉलम में कर्मचारी से संबंधित जानकारी मांगी है, लेकिन कोई जेडओ तीन तो कोई चार कॉलम में जानकारी दे रहे हैं। अधूरी जानकारी देने पर बड़े अफसरों ने जेडओ को फटकार लगाते हुए सही से भेजने के आदेश दिए हैं। बकाया टैक्स वसूली में लगाए जा रहे ये वे कर्मचारी हैं, जो पूरी तरह से कामचोरी करते हैं। साथ ही जहां पर काम कम और लोग ज्यादा हैं निगम के सभी विभागों में तैनात ऐसे 2800 कर्मचारियों को ढूंढक़र वसूली में लगाया गया है, जो कि मुख्यालय सहित जोनल ऑफिस पर तैनात थे। टैक्स वसूली को लेकर निगम की इस नई व्यवस्था के तहत हर 250 घर पर एक कर्मचारी रहेगा। इन कर्मचारियों को संपत्तिकर बकायादारों की सूची थमा दी गई है। अब यह कर्मचारी कॉलोनी वाइज मकान नंबर के आधार पर ग्रुपिंग कर रहे हैं ताकि वसूली में आसानी हो। जिन कॉलोनी में 250 से कम घर होंगे, वहां पर पास की ही कॉलोनी में कर्मचारी बकाया पैसा मांगने जाएंगे।
कम पैसा लाने पर होगी कार्रवाई

कर्मचारियों के काम पर बिल कलेक्टर की मॉनिटरिंग रहेगी। इनके साथ ही नजर सहायक राजस्व अधिकारी (एआरओ) की रहेगी। अभी इन कर्मचारियों को संपत्तिकर बकायादारों की सूची दी गई है। इसमें टारगेट के हिसाब से अच्छा काम करने पर बाद में जलकर बकायादारों की सूची दी जाएगी। साथ ही टारगेट के हिसाब से वसूली न होने पर कार्रवाई की जाएगी।
अपनों के नहीं दिए नाम, आक्रोश

इधर, विभागों के प्रमुखों ने भी द्वेषता की भावना रखते हुए ऐसे कर्मचारियों के नाम दे दिए हैं, जो अच्छा काम करते हैं। चापलूस टाइप के कर्मचारियों के नाम नहीं दिए हैं। इसको लेकर अन्य कर्मचारियों में आक्रोश है।
नाम हटवाने के लिए कर रहे नेतागीरी

निगम ने उद्यान, महापौर टॉस्क फोर्स, जनकार्य, लेखा, विद्युत, जलकार्य और परिषद कार्यालय सहित अन्य कई विभागों से ढूंढक़र कर्मचारियों को बकाया टैक्स वसूली में लगाया है। विभागों के साथ पार्षदों सहित अन्य नेताओं की चाकरी करने वाले कर्मचारियों को भी काम पर लगाया जा रहा है। जिन कर्मचारियों के नाम वसूली के लिए स्थापना विभाग को दिए गए हैं उन्हें हटाने के लिए नेतागीरी भी हो रही है। कर्मचारी किसी न किसी जुगाड़ से अपना नाम हटवाने में लगे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो