8 पोकलेन और 5 जेसीबी सहित हथौड़े चलाने वाली गैंग यहां पहुंची। निगम अफसर और रिमूवल के कर्मचारी मिलाकर २५० निगमकर्मी और 100 से ज्यादा पुलिस के जवान हंै। 26 मकान यहां तोड़े जाना हैं। इनके सामने पोकलेन और जेसीबी खड़े कर बिल्डिंग अफसर (बीओ) और इंस्पेक्टर (बीआई) की मौजूदगी में कार्रवाई शुरू करवाई गई। अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह और कार्यपालन यंत्री महेश शर्मा के निर्देशन में तोडफ़ोड़ शुरू हुई। निगम अफसरों का कहना है कि आज सभी मकान तोड़ दिए जाएंगे। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद निगम रिमूवल अमले ने 16 अप्रैल को बाधक निर्माण तोडऩे की कार्रवाई कर मच्छी बाजार से नया पीठा के बीच ९७ बाधक निर्माण हटाने की कार्रवाई शुरू की थी, जो दिनभर चली और शाम होते-होते ७० निर्माण तोड़ दिए। इसी दौरान हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने याचिका की सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश जारी किया कि निगम सडक़ चौड़ीकरण के नाम पर शहर के मध्य क्षेत्र में तोडफ़ोड़ नहीं करेगा। कोर्ट ने निगम से विस्तृत जवाब भी मांगा। इसके बाद कार्रवाई थम गई और २६ मकान बच गए।
मलबे को एक तरफ कर पहुंची पोकलेन
मच्छी बाजार से सिलावटपुरा के बीच पिछले दिनों हुई तोडफ़ोड़ के बाद मलबा लोगों के घर के बाहर ही छोड़ दिया था। हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद तोडफ़ोड़ पर रोक के चलते निगम ने मलबा नहीं उठाया। आज सुबह जब निगम अमला कार्रवाई करने पहुंचा तो मलबे के कारण जेसीबी और पोकलेन को कड़ावघाट, कागदीपुरा और नयापीठा में जाने के लिए काफी परेशानी हुई। पहले मलबे को एक तरफ किया गया, इसके बाद पोकलेन-जेसीबी अंदर जा पाए। निगम अफसरों का कहना है कि पहले बाधक निर्माण हटाए जाएंगे, इसके बाद एक साथ मलबा उठाने की कार्रवाई होगी।
मच्छी बाजार से सिलावटपुरा के बीच पिछले दिनों हुई तोडफ़ोड़ के बाद मलबा लोगों के घर के बाहर ही छोड़ दिया था। हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद तोडफ़ोड़ पर रोक के चलते निगम ने मलबा नहीं उठाया। आज सुबह जब निगम अमला कार्रवाई करने पहुंचा तो मलबे के कारण जेसीबी और पोकलेन को कड़ावघाट, कागदीपुरा और नयापीठा में जाने के लिए काफी परेशानी हुई। पहले मलबे को एक तरफ किया गया, इसके बाद पोकलेन-जेसीबी अंदर जा पाए। निगम अफसरों का कहना है कि पहले बाधक निर्माण हटाए जाएंगे, इसके बाद एक साथ मलबा उठाने की कार्रवाई होगी।
किया पैदल मार्च कार्रवाई शुरू करने से पहले निगम अफसरों ने कर्मचारियों और पुलिस को लेकर पैदल मार्च किया। कार्रवाई की प्लानिंग कर तोडफ़ोड़ शुरू की। कार्रवाई के चलते कई लोगों ने अपना सामान सुबह ही निकाल लिया था और कई खुद ही मकान तोड़ रहे थे।