कोरोना से जुड़ी विभिन्न समस्याओं से जुड़ी याचिका के तहत इंदौर के एडवोकेट चंचल गुप्ता ने उक्त आवेदन पेश किया था। आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अभिनव मल्होत्रा ने पैरवी की। उनका कहना था जब शहर में कोरोना संक्रमितों के आंकड़े लगातार कम हो रहे थे, तब अचानक इस तरह के आदेश से लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीमारी के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मरीजों को फलों और सब्जियों की जरूरत होती है, ऐसे में लगातार 10 दिनों तक बिक्री रोकने के फैसले ने उन्हें परेशान कर दिया है। अचानक मंडी बंद होन से हजारों किसान और व्यापारी भी परेशान हैं।
तर्कों से सहमत होकर कोर्ट ने निर्देश दिए कि इंदौर कलेक्टर फल, सब्जी और किराना की बिक्री पर रोक से जुड़े आदेश को जनता के हितों को देखते हुए संशोधित करें। हालांकि सोमवार देर शाम तक हाई कोर्ट की वेबसाइट पर आदेश की प्रति अपलोड नहीं हुई थी।
ब्लैक फंगस को लेकर पत्रिका की प्रति कोर्ट में पेश
इंदौर सहित प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढऩे को लेकर इंदौर की संस्था शांति मंच की ओर से हाई कोर्ट में इंटरवीनर आवेदन पेश किया गया था। सोमवार को चीफ जस्टिस की सुनवाई के दौरान पत्रिका में ब्लैक फंगस की समस्याओं से जुड़ी प्रकाशित खबरें रखी गईं। एडवोकेट अभिनव धनोदकर ने बताया, इस पर कोर्ट ने प्रदेश सरकार को आदेश दिए हैं कि वे ब्लैक फंगस के उपचार से जुड़ी सुविधाओं, दवाओं और इंजेक्शन आदि की मॉनिटरिंग करे। किसी भी स्थिति में उपचार के नाम पर निजी अस्पताल अधिक वसूली न करें। उपचार को लेकर ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाए जाएं।