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भगत सिंह के परिवार से भेंट में मिली कृपाण हमेशा रखतीं हैं अपने साथ, अब बनी शिवराज कैबिनेट में मंत्री

locationइंदौरPublished: Jul 02, 2020 04:04:30 pm

Submitted by:

Faiz

महू विधायक उषा ठाकुर बनी कैबिनेट मंत्री, भगत सिंह के परिवार से भेंट में मिली कृपाण हमेशा रखती हैं अपने साथ। बाइक से चलने का भी शौक।

MInister Usha Thakur Biography

भगत सिंह के परिवार से भेंट में मिली कृपाण हमेशा रखतीं हैं अपने साथ, अब बनी शिवराज कैबिनेट में मंत्री

इंदौर/ कोरोना काल और लंबी राजनीतिक जद्दोजहद के बाग आखिरकार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। गुरुवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष भाजपा के 28 विधायकों ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली। मंत्री मंडल में जहां इस बार कुछ पुराने चेहरे नजर आए, तो कई चेहरे ऐसे भी हैं, जिन्हें पहली बार मंत्री पद का प्रभार संभालने का मौका मिला। इन्हीं नए चेहरों में से एक चेहरा है महू विधायक उषा ठाकुर का। उषा ठाकुर ने भी कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। मुस्लिम युवाओं को गरबा से दूर रखने का फरमान सुनाने वाली भाजपा विधायक ठाकुर अपने इस अलग अंदाज के लिए प्रदेश में अलग पहचान रखती हैं।

 

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[typography_font:14pt;” >राजनीतिक सफर की शुरुआत

उषा को साल 1990 में म्युनिसिपल काउंसलर बनने के पहले भगत सिंह के परिवार वालों ने उन्हें एक कटार उपहार में दी थी। ठाकुर इसे अपनी जिंदगी का सबसे अहम क्षण मानती हैं और सत्र के दौरान भी कटार लेकर ही विधानसभा जाती हैं। यही नहीं अपने हर खास मौके पर वो इस कटार को अपने साथ लेकर चलती हैं। इसके साथ ही वो ज्यादातर सड़क पर अपनी कावासाकी बाइक पर घूमती भी नज़र आ जाती हैं। हालांकि, ठाकुर की छवि एक उग्र राष्ट्रवादी की नहीं है। पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक उन्हें ‘दीदी’ के नाम से संबोधित करते हैं।

 

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कटार साथ रखकर खुद को महसूस करती हैं सुरक्षित और ताकतवर

अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने इस कटार को साथ रखने का कारण बताते हुए कहा था कि, ‘मैं कटार को साथ लेकर खुद को सुरक्षित और काफी ताकतवर महसूस करती हूं। 1994 में मैंने एक सस्ती बाइक खरीदी।’ शहर की 100 भजन मंडलियों के साथ जुड़ीं ठाकुर शहर के अलग-अलग हिस्सों में सुंदरकांड आयोजित भी करती हैं। 2003 में ठाकुर इंदौर-1 क्षेत्र से और 2013 में दूसरी बार इंदौर-3 सीट से विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं। इसके बाद 2018 विधानसभा में इंदौर से बाहर निकलकर महू पहुंची। यहां भी उन्होंने अपनी जीत का परचम लहराया।

 

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संघ में बौद्धिक प्रमुख भी रही हैं ठाकुर

उषा ठाकुर भाजपा की उपाध्यक्ष और सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की इंचार्ज भी रह चुकी हैं। ठाकुर ने 1989 में सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रियता दिखनी शुरू की। इसके अलावा वो संघ की इंदौर शाखा में बौद्धिक प्रमुख भी बनीं। एजुकेशन और इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएट और एमफिल कर चुकीं उषा ठाकुर दुर्गा वाहिनी की सक्रिय सदस्य भी रह चुकी हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में अपनी शादी न करने के फैसले के बारे में भी बताया। उनका कहना था कि, ‘बचपन से ही मैं चाहती थी कि, मेरे परिवार का कोई सदस्य धर्म और देशसेवा के लिए जीवन समर्पित करे। मेरी इसी सोच के चलते मैंने शादी न करके अपनी इस सोच को आयाम दिया।’

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