एसोसिएशन ने पत्र में बताया कि वर्तमान में यात्री गाडिय़ों में पैसेंजर्स की सुविधाओं में कमी के कारण बहुत शिकायतें आ रही हैं। इंदौर में अफसर यात्री सुविधा पर ध्यान देना चाहते हैं, लेकिन उपकरणों की कमी के कारण कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि नई तकनीकी के कोचेज में आरसीएफ, आइसीएफ और आरबीसीएफ की जो फिटिंग्स उपयोग हो रही हैं, उसके लिए अलग से भंडारण करना पड़ता है, लेकिन वर्तमान में सप्लाय नहीं मिल रही है।
खुले में पड़ा है लाखों टन स्क्रेप इंजीनियरिंग और यांत्रिक विभाग द्वारा मेंटेनेंस किए जाने के बाद लाखों टन स्क्रेप निकलता है। इसे कंपोस्ट करने की ठोस नीति बनाई जाना चाहिए, लेकिन नीति न होने से लाखों टन स्क्रेप खुले में पड़ा हुआ है।
आदेश ही लागू नहीं हुआ पत्र में बताया गया कि चेयरमैन द्वारा सभी जेइ एसएसइ को साप्ताहिक विश्राम दिया जाना था, लेकिन पश्चिम रेलवे में अभी तक इस आदेश का पालन नहीं किया गया है। कई बार शिकायत करने के बाद भी अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
डेढ़ घंटे देरी से चल रही ट्रेन इंदौर स्टेशन पर आने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों की लेटलतीफी जारी है। छिंदवाड़ा से चलकर इंदौर आने वाली पेंचवेली फास्ट पैसेंजर ट्रेन अपने तय समय से सवा तीन घंटे की देरी से चल रही है। यह ट्रेन दोपहर सवा एक बजे इंदौर आ जाती है, लेकिन आज दोपहर ४ बजे बाद ही इंदौर आने की संभावना है। इसके अलावा भिंड-इंदौर, पुणे-इंदौर, अवंतिका एक्सप्रेस आदि भी तय समय से देरी से इंदौर स्टेशन आई है।