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कल लड़ेगे पेंच, जमकर होगी ढील-खेंच, सुबह से गूंजेगा काटा है…याद कर लीजिए पतंगबाजी से जुड़े कुछ खास ‘शब्द’

locationइंदौरPublished: Jan 14, 2020 04:55:23 pm

कल पूरे शहर में उत्साह और उल्लास के साथ मनेगा मकर संक्रांति का पर्व
शौकिनों के लिए पत्रिका ने पेश किया पतंगबाजी का अनूठा शब्द कोष

कल लड़ेगे पेंच, जमकर होगी ढील-खेंच, सुबह से गूंजेगा काटा है...याद कर लीजिए पतंगबाजी से जुड़े कुछ खास ‘शब्द’

कल लड़ेगे पेंच, जमकर होगी ढील-खेंच, सुबह से गूंजेगा काटा है…याद कर लीजिए पतंगबाजी से जुड़े कुछ खास ‘शब्द’

विकास मिश्रा @ इंदौर. अधिकांश 14 जनवरी को मनाया जाने वाला मकर संक्रांति का महापर्व इस वर्ष सितारों के चाल के कारण 15 जनवरी को मनाया जाएगा। शुभ कार्य शुरू होने के साथ ही इस पर्व की खासियत यह है कि इस दिन जमकर पतंगबाजी होती है। शहर के सभी हिस्सों का आसमान रंग बिरंगी पतंगों से सराबौर होता है। इस बार भी पतंगबाजों ने पेंच लड़ाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। आसमान में जीत हासिल करने के लिए पतंगों का जखीरा आ चुका है और डोर भी सूत कर तैयार है। बुधवार सुबह से ही पतंगबाज मैदान और छतों पर डट जाएंगे। सुबह से ही काटा है… उड़न्ची… ढील… और खेंच जैसे शब्दों से शहर में गूंजने लगेंगे। ये है इंदौर सहित मालवा निमाड़ की पतंगबाजी से जुड़े खास शब्द जो पत्रिका आपके लिए पेश कर रहा है। इन शब्दों का इस्तेमाल सिर्फ इसी दिन किया जाता है।
1. धागन- डोर : पतंग को उड़ाने वाले धागे को हमारे शहर में धागन कहा जाता है। अन्य स्थान पर इसे डोर के नाम से जाना जाता है

2. ऊचका-चकरी : धागन को इसी में लपेटा जाता है।
3. जोते : पतंग को उड़ाने से पहले धागन से जोते बांधे जाते हैं। इस पर ही पतंक का सारा दारोमदार रहता है। यदि जोते सही नहीं बंधे होते हैं तो पतंग उड़ती ही नहीं है।
4. कांप : पतंग में बांस की दो किमचियां लगाईं जाती है, जिन्हें काम कहते हैं और इन्हीं पर धागन से जोते बांधे जाते हैं।

5. खिरनी : आसमान में पतंग एक ही दिशा में यदि घुमती है तो उसका बैलेंस बनाने के लिए धागन से खिरनी बांधी जाती है।
6. लिप्पू : कमजोर कांप वाली पतंग को लिप्पू कहा जाता है।

7. उड़न्ची : उड़ान की शुरुआत उड़न्ची से ही होती है। दूसरे छोर से हवा का रूख देखते हुए पतंग को दोनों हाथों से ऊपर की ओर उछाला जाता है, जिसे उड़न्ची कहते हैं।
8. ठुनकी : हवा के रूख के अनुसार पतंग को उड़ाने के लिए धागन को झटके दिए जाते हैं जिसे ठुनकी कहा जाता है।

9. ढील : पतंग को वहा के रूख के साथ ऊंचा उड़ाने धागन को गति से छोड़ा जाता है, जिसे ढील कहा जाता है
10. खेंच : पतंग को हवा के रूख के अनुसार करने के लिए धागन को गति से अपनी और खींचा जाता है।

11. पेंच : आसमान में मौजूद दूसरी पतंग के साथ गुत्थम गुत्था
12. पुच्छी, पुछल्ला : पंतग को आकर्षक बनाने के लिए निचले हिस्से में कागज के टुगड़े जोड़े जाते हैं।

13. लंगड़ : पतंग लूटने के लिए धागन में पत्थर बांधा जाता है, जिसे लंगड़ कहा जाता है।
14. काटा है.. : जब एक पतंग के दूसरी के साथ पैंच लड़ता है और एक कट जाती है तो कहा जाता है काटा है।

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