scriptकलेक्टर के आदेश की उड़ा दीं धज्जियां, बंद का दिया था आदेश, खोली मंडी | Mandi officials did not accept the order of the collector | Patrika News

कलेक्टर के आदेश की उड़ा दीं धज्जियां, बंद का दिया था आदेश, खोली मंडी

locationइंदौरPublished: Jul 15, 2020 10:45:44 am

Submitted by:

Mohit Panchal

15 जुलाई से करनी थी बंद, सुबह तक हुई खरीद-फरोख्त, पहले लगाए बैरिकेड, बाद में व्यापारियों से सांठगांठ कर खोले
 

कलेक्टर के आदेश की उड़ा दीं धज्जियां,  बंद का दिया था आदेश, खोली मंडी

कलेक्टर के आदेश की उड़ा दीं धज्जियां, बंद का दिया था आदेश, खोली मंडी

इंदौर। कोरोना महामारी को देखते हुए कलेक्टर ने चोइथराम सब्जी मंडी को चार दिन बंद करने के आदेश दिए थे, लेकिन मंडी प्रशासन ने उसकी धज्जियां उड़ा दीं। आज सब्जी मंडी चालू रही और सुबह तक पूरे शबाब पर थी। यहां भारी भीड़ उमड़ी, जिसने कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन किया। रातभर जमकर खरीद-फरोख्त हुई।
तेजी से बढ़ते हुए कोरोना पॉजिटिव के आंकड़ों को देखते हुए सरकारी महकमा तो ठीक जनप्रतिनिधियों की भी चिंता बढ़ गई थी। इसके चलते आपदा प्रबंधन की बैठक में कड़े फैसले लिए गए। तय किया गया कि चोइथराम व निरंजनपुर की फल, आलू-प्याज और सब्जी मंडी को १५ जुलाई से चार दिन के लिए बंद किया जाए। उसके बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने आदेश जारी कर सख्ती से उसे लागू करने के सभी संबंधित अफसरंों को निर्देश दिए, लेकिन मंडी प्रशासन ने उनके आदेश की धज्जियां उड़ा दीं। आज सुबह ८ बजे तक चोइथराम सब्जी मंडी संचालित हुई।
गौरतलब है कि रात ९ बजे से मंडी में माल आना शुरू हो गया था। दो घंटे तक ये सिलसिला चलता रहा। आसपास के किसानों को जानकारी लग गई थी कि मंडी में माल आने दिया जा रहा है तो वे भी गाडिय़ां लेकर पहुंच गए। रात १०.४५ बजे अचानक मंडी में बैरिकेड्स लगाकर गाडिय़ों को रोकना शुरू कर दिया। गार्ड का कहना था कि मंडी सचिव मानसिंह मुनिया के निर्देश हैं।
कुछ देर में किसानों ने बवाल शुरू कर दिया कि जब दूसरों की गाड़ी अंदर आने दी, तब उन्हें क्यों नहीं रोका गया? इस बीच कुछ बड़े व्यापारियों ने मंडी के अधिकारियों को फोन लगाया। उसके बाद गेट खुल गए। अर्थ साफ था कि सांठगांठ हो गई। रातभर सब्जी, मंडी में आती रही और खरीद-बेच चलती रही। ये सिलसिला सुबह ९ बजे तक जारी रहा। बकायदा भारी भीड़ जमा हुई। ना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया और कई लोगों ने मास्क भी नहीं लगाए थे।
कौन है दोषी
कलेक्टर मनीष सिंह ने आपदा प्रबंधन की बैठक के बाद १३ जुलाई को ही आदेश जारी कर दिए थे। साथ में सभी विभागों के प्रमुखों को सख्ती करने के निर्देश थे। मंडी कर्ताधर्ताओं की जवाबदारी बनती थी कि १४ जुलाई को संचालित हुई मंडी में किसानों को जानकारी देने के लिए डोंडी पिटाई जाए।
इसके अलावा जब मालूम था कि १५ जुलाई रात १२ बजे से लग जाती है तो मंडी में रात १०.४५ बजे तक सब्जी की गाडिय़ों को प्रवेश क्यों दिया गया? कलेक्टर के आदेश को हवा में लेते हुए किसानों व व्यापारियों को जानकारी देना उचित नहीं समझा और गाडिय़ों को प्रवेश करने दिया, जो बाद में विवाद की जड़ बन गई। इस संबंध में मंडी सचिव मानसिंह मुनिया से संपर्क किया गया, लेकिन फोन नहीं उठाया।
ऐसे तो खुल जाएगा शहर

जैसे मंडी में कलेक्टर के आदेश का पालन नहीं किया गया, ऐसे तो अराजकता की स्थिति बन जाएगी। धीरे-धीरे सभी विभाग पालन करना बंद कर देंगे तो प्रशासनिक तंत्र फेल होना शुरू हो जाएगा। इस घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाना चाहिए ताकि वह सबक के रूप में देखा जाए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो