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लेटलतीफी के कई गंभीर मामले सामने आ रहे हैं। रविवार रात कई ऐसे लोगों को कोरोना टेस्ट रिपोर्ट के मैसेज मिले हैं, जिन्होंने मार्च अंत में सैंपल दिए थे। उनकी रिपोर्ट करीब सवा महीने बाद मिली है। कई को संक्रमित बताया गया है। रात करीब तीन बजे आए मैसेज सुबह देखने के बाद कई लोग हैरान हैं।
केस-1
एमओजी लाइन में रहने वाली सपना मिश्रा के 9 वर्षीय बेटे की तबीयत खराब होने पर डॉक्टर की सलाह पर 22 मार्च को प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर कोरोना का सैंपल लिया गया था। दो दिन तक रिपोर्ट नहीं मिलने पर तीसरे दिन उन्होंने प्राइवेट लैब से जांच करा ली और रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। दो मई रविवार को रात करीब तीन बजे उनके बेटे की पॉजिटिव रिपोर्ट से जुड़ा मैसेज देखकर हैरानी हुई।
केस-2
इसी से तरह एमजी रोड पर रहने वाली निशा गोयल (परिवर्तित नाम) ने भी 30 व मार्च को अपना कोरोना सेंपल दिया था। चार दिनों तक उनकी रिपोर्ट नहीं आने पर उन्होंने पांच अप्रैल को निजी लैब से जांच करा ली थी और रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। उन्हें भी दो मई की रात उनके पॉजेटिव आने के मैसेज ने चिंता में डाल दिया।
तकनीकी कारणों से मैसेज गए
इस बारे में कोविड जिला नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार का कहना है कि सॉफ्टवेयर अपडेट और तकनीकी – कारणों से कुछ लोगों को पुराने सैम्पलों के मैसेज गए हैं। टीम को जांच में लगाया है। इन दिनों 24 घंटे से भी कम समय में लोगों को कोविड टेस्ट रिपोर्ट जारी की जा रही है।