पटेल नगर बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी में हुए हादसे ने नगर निगम के अफसरों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाने के साथ उन्हें जनता की अदालत के कटघरे में खड़ा कर दिया है। शहर में कई जगह धार्मिक और सार्वजनिक स्थलों पर बावड़ी हैं, जिनके आसपास अतिक्रमण हो चुका है और कचरे से भरी हुई है। अतिक्रमण हटाने और साफ-सफाई की जिम्मेदारी निगम अफसरों की है। लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से नहीं निभाते और पटेल नगर जैसे हादसे हो जाते हैं।शहर में होने वाले अतिक्रमण और अवैध कब्जे को लेकर निगम बिल्डिंग परमिशन शाखा के अफसर तब तक नहीं जागते, जब तक उन्हें कोई शिकायत नहीं करता। शिकायत आती भी है तो अतिक्रमण और अवैध कब्जे करने वाले को सिर्फ नोटिस जारी कर देते है, किंतु उन्हें हटाने की जहमत नहीं उठाते। इसी का परिणाम है कि पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव मंदिर में इतना बड़ा हादसा हो गया। क्षेत्र के जिम्मेदार बिङ्क्षल्डग अफसर पीआर आरोलिया और इंस्पेक्टर प्रभात तिवारी मंदिर में निर्माण को लेकर नोटिस देने के बाद कार्रवाई कर देते तो शायद बड़ा हादसा नहीं होता और 36 लोगों की जान नहीं जाती
पटेल नगर बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी में हुए हादसे ने नगर निगम के अफसरों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाने के साथ उन्हें जनता की अदालत के कटघरे में खड़ा कर दिया है। शहर में कई जगह धार्मिक और सार्वजनिक स्थलों पर बावड़ी हैं, जिनके आसपास अतिक्रमण हो चुका है और कचरे से भरी हुई है। अतिक्रमण हटाने और साफ-सफाई की जिम्मेदारी निगम अफसरों की है। लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से नहीं निभाते और पटेल नगर जैसे हादसे हो जाते हैं।शहर में होने वाले अतिक्रमण और अवैध कब्जे को लेकर निगम बिल्डिंग परमिशन शाखा के अफसर तब तक नहीं जागते, जब तक उन्हें कोई शिकायत नहीं करता। शिकायत आती भी है तो अतिक्रमण और अवैध कब्जे करने वाले को सिर्फ नोटिस जारी कर देते है, किंतु उन्हें हटाने की जहमत नहीं उठाते। इसी का परिणाम है कि पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव मंदिर में इतना बड़ा हादसा हो गया। क्षेत्र के जिम्मेदार बिङ्क्षल्डग अफसर पीआर आरोलिया और इंस्पेक्टर प्रभात तिवारी मंदिर में निर्माण को लेकर नोटिस देने के बाद कार्रवाई कर देते तो शायद बड़ा हादसा नहीं होता और 36 लोगों की जान नहीं जाती