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समिति की अध्यक्ष और कार्यक्रम संयोजक उषा ताई वैशम्पायन ने कहा, कॉलोनी में 700 से अधिक मराठीभाषी परिवार हैं, लेकिन एक-दूसरे से हिंदी में अधिक वार्तालाप करते हैं। नई पीढ़ी के बच्चे परिवार से लेकर स्कूल, कॉलेज एवं अन्य संस्थानों में हिंदी या अंग्रेजी में बातचीत करते हैं। हम चाहते हैं, क्षेत्र के रहवासी एक-दूसरे से शत प्रतिशत मराठी भाषा में ही बात करें। इसी मकसद को लेकर समिति की सदस्याएं कॉलोनी के एक-एक घर पर दस्तक देकर न केवल संकल्प करेंगी, बल्कि उनसे आग्रह भी करेंगी कि अपने घर और कॉलोनी में एक-दूसरे से मराठी में ही बातचीत करें।
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घोष वाक्य के स्टिकर लगेंगे
सभी घरों पर घोष वाक्य का स्टिकर भी लगाया जा रहा है। आयोजन में लोकमान्य विद्या निकेतन की पूर्व प्राचार्या सोनल जोशी, अश्विनी पिंगे, अलका इंगले, अंजलि सांवरे, ज्योति कोतवाल, अंकिता देशाई सहित 100 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। मराठीभाषी गीतों की प्रतियोगिता भी रखी गई। इसके विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। मराठीभाषी प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम हुआ। आभार सोनल जोशी ने माना।