इंदौर

मुख्यमंत्री की पसंद से होगा महापौर प्रत्याशी

-आरक्षण पर टिकी सभी दावेदारों की नजर, अनारक्षित होने की प्रबल संभावना

इंदौरMay 27, 2022 / 11:26 am

Lokendra Chouhan

मुख्यमंत्री की पसंद से होगा महापौर प्रत्याशी

इंदौर. वार्डों को लेकर आरक्षण प्रक्रिया पूरी हो गई है, लेकिन अब महापौर के आरक्षण की बारी है। 31 मई को इस बात का भी फैसला हो जाएगा लेकिन ये तय है कि इंदौर में जो भी महापौर का भाजपा प्रत्याशी होगा, वह मुख्यमंत्री की पसंद से रहेगा। संभावनाएं अनारक्षित होने की बनी हुई हैं।

शहर में नगर निगम चुनाव का रंग चढऩा शुरू हो गया है। वार्ड आरक्षण के बाद अब में महापौर को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है। पिछली बार ओबीसी महिला सीट थी, जिसके बाद ये तो तय है कि पद अब महिला मुक्त होगा और ये भी प्रबल संभवना है कि अनारक्षित होगा। हालांकि ये स्थिति आरक्षण के बाद ही स्पष्ट होगी लेकिन राजनीतिक दलों में खासी हलचल है। अनारक्षित रहा तो कांग्रेस से विधायक संजय शुक्ला का नाम लगभग तय माना जा रहा है भाजपा में स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन तय है कि जो भी प्रत्याशी घोषित होगा, वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पसंद से होगा। इंदौर उनके सपनों का शहर है और वे हर हाल में अपनी ट्यूनिंग के नेता को ही टिकट दिलाने का प्रयास करेंगे ताकि शहर के विकास को गति मिल सके। पिछले बार भी विधायक मालिनी गौड़ का टिकट उनकी पसंद से ही दिया गया था। वे शहर के विकास की बागडोर किसी ऐसे नेता के हाथ में नहीं देना चाहेंगे, जिससे काम कराना कठिन हो जाए। ऐसे में अब नाम की तलाश हो रही है कि किस पर दांव खेला जाए।

ये भी हैं दावेदार
भाजपा से महापौर का चुनाव लडऩे के इच्छुकों की संख्या इंदौर में एक दर्जन के करीब है। विधायक मेंदोला व विजयवर्गीय के अलावा पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती, गोपी नेमा के अलावा उमेश शर्मा, मुकेश राजावत, कमल वाघेला व अनंत पंवार का भी नाम चर्चा में है। यहां तक कि चार नंबर विधायक के कुछ समर्थक तो एकलव्य सिंह गौड़ का नाम भी चला रहे हैं। उसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि विधायक गौड़ के महापौर रहते ही इंदौर स्वच्छता में नंबर वन आया था। इसके अलावा संघ से डॉ. निशांत खरे व विनय पिंगले का नाम भी जोरों पर चल रहा है।

विधायक भी हो सकते हैं प्रत्याशी
कुछ समय पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया था कि ऐसा कोई बाउंडेशन नहीं है कि विधायक को महापौर प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा। जीतने वाले प्रत्याशी को ही टिकट दिया जाएगा ये स्पष्ट है। इस बात के बाद विधायक रमेश मेंदोला और आकाश विजयवर्गीय भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं।
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