अध्यक्ष अतुल खंडेलवाल ने बताया कि संगठन की मांग पर १०० बेड का अस्पताल मंजूर किया गया, लेकिन बिल्डिंग का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। जबकि जमीन का आवंटन तक हो गया है। जमीन के चारों ओर बाउंड्रीवाल भी बन चुकी है। इस अस्पताल के निर्माण से सबसे अधिक फायदा यहां काम करने वाले मजदूरों को मिलेगा। वर्तमान में उन्हें उपचार के लिए निजी अस्पताल जाना होता है या फिर इंदौर नंदा नगर स्थित बीमा अस्पताल। इंदौर आने-जाने में समय के साथ ही आर्थिक नुकसान भी होता है। उन्हें एक दिन का अवकाश तक लेना पड़ता है। यहां अस्पताल निर्माण होने से हजारों मजूदरों का समय और पैसा भी बचेगा। खंडेलवाल ने बताया कि बीमा निगम दिल्ली ने 100 बिस्तर का अस्पताल तो मंजूर कर दिया, लेकिन अब तक काम आगे नहीं बढ़ पाया है। इसी को ध्यान में रखकर और जल्द से जल्द अस्पताल तैयार कराया जाए, इसी को लेकर पत्र व्यवहार किया गया है।
राधास्वामी कोविड सेंटर बंद
कोरोना के मामलों में तेजी से गिरावट आने लगी है। सरकारी से निजी अस्पतालों में गिनती के 44 संक्रमित मरीज हैं। इसमें से नौ आईसीयू में भर्ती हैं, जिसमें एमआरटीबी में पांच पांच मरीज हैं। संक्रमण की घटती दर के चलते प्रशासन ने राधास्वामी कोविड केयर सेंटर बंद कर दिया है। सीएमएचओ डॉ. बी एस सैत्या ने बताया कि पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार घट रही है। जिले में ७६७ एक्टिव मरीज हैं। इनमें से ४४ मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं और नौ आईसीयू में हंै। आईसीयू में वही मरीज हैं, जिन्हें अन्य बीमारियां भी हैं। शेष मरीज होम आइसोलेशन में हैं। ६८० बेड के राधास्वामी कोविड केयर सेंटर को बंद कर दिया गया है।