नहीं कोई सुधार
जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने यहां सुधार के कई बार प्रयास किए। विपक्ष भी लगातार अपनी भूमिका निभा रहा है, उसके बाद भी चिकित्सक और स्टाफ व्यवहार नहीं बदल रहे हैं। अब जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को कड़ा रुख अपनाना पड़ेगा। विपक्ष तो सडक़ पर आ ही गया है। मुद्दा आगे और पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनेगा। मामाजी के राज में बेटी के नाम पर इतना कुछ हो रहा है और वही बेटी अगर अस्पताल से चोरी चली जाए तो लोगों का सरकारी अस्पतालों से पूरी तरह विश्वास उठ जाएगा।
जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने यहां सुधार के कई बार प्रयास किए। विपक्ष भी लगातार अपनी भूमिका निभा रहा है, उसके बाद भी चिकित्सक और स्टाफ व्यवहार नहीं बदल रहे हैं। अब जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को कड़ा रुख अपनाना पड़ेगा। विपक्ष तो सडक़ पर आ ही गया है। मुद्दा आगे और पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनेगा। मामाजी के राज में बेटी के नाम पर इतना कुछ हो रहा है और वही बेटी अगर अस्पताल से चोरी चली जाए तो लोगों का सरकारी अस्पतालों से पूरी तरह विश्वास उठ जाएगा।
कलेक्टर चंद्रमौलि शुक्ला ने अभी पिछले पखवाड़े ही सुधार की दृष्टि से जिला चिकित्सालय के कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई की थी। जिसमें नर्स यूनियन तो मोर्चा खोलकर सामने खड़ी हो गई थी। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने उसके बाद भी यहां पर ध्यान नहीं दिया वरना आज बच्ची चोरी की घटना नहीं होती। सबसे बड़ी बात यह है कि जिला चिकित्सालय मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के परिसर में ही स्थित है। अगर एक-एक अधिकारी भी रोज वहां पर ध्यान दे ले और कभी सप्ताह में सीएमएचओ भी दौरा कर ले तो भी ऐसे हालात नहीं बने।