
बॉथरूम में पटकी दवाइयां, अफसरों को बिना बताए लगा दी ठिकाने, अब प्रभारी नर्स पर ये लिया एक्शन
इंदौर. सर सेठ हुकमचंद शासकीय चिकित्सालय में डिलीवरी किट व अन्य दवाओं के बंडल बॉथरूम में पटककर एक्सपायर्ड करने के मामले में सीएमएचओ ने प्रभारी नर्स विंसी जैकब की वेतनवृद्धि रोकी है। नर्स की लापरवाही पर कार्रवाई की।
1 जून को अस्पताल के बॉथरूम में बड़ी मात्रा में दवाओं के बॉक्स व बोरी में भरी डिलीवरी किट मिलने पर हंगामा मच गया था। इनमें बेबी केयर, आइटमेंट व दवाएं भी थीं। कई दवाइयां 2016 में ही एक्सपायर्ड हो गई थीं। एक ओर मरीजों को दवाएं नहीं मिलतीं, दूसरी तरफ बाथरूम में दवाएं पटकने का मामला तूल पकडऩे पर सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने सिविल सर्जन डॉ. एमपी शर्मा को मौके पर भेजा। डॉ. शर्मा ने दवाओं को देखने के बाद सीएमएचओ को जानकारी दी। उन्होंने जांच के लिए कमेटी बना दी, जिसमें पैथालॉजी विशेषज्ञ डॉ. एसके त्रिवेदी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसके सिसौदिया व स्टोरकीपर इंद्रमणि पटेल को लिया गया था।
जिम्मेदारों ने दवाइयों को ठिकाने लगा दिया
जांच टीम के अस्पताल पहुंचने के पहले ही जिम्मेदारों ने दवाइयों को ठिकाने लगा दिया। टीम को दवाइयां एक्सपायर्ड होना बताया गया। स्वास्थ्य विभाग के नियमानुसार दवा एक्सपायर्ड होने पर दवा की जानकारी सीएमएचओ को देना चाहिए। कमेटी की देखरेख में उसका निपटान होता है, लेकिन यहां गलती छिपाने के लिए टीम आने के पहले ही ठिकाने लगा दिया गया। हालांकि कुछ बैच नंबर मिले थे। अस्पताल में दवाओं का रिकॉर्ड भी नहीं मिला। टीम ने लापरवाही मानते हुए रिपोर्ट सीएमएचओ को दी। सीएमएचओ के मुताबिक, टीम ने अस्पताल की लापरवाही मानी। प्रभारी नर्स विंसी जैकब की एक वेतनवृद्धि रोकी गई। हालांकि दवा गायब करने व टीम को सूचना नहीं देने की चूक पर चुप्पी साध गए।
Published on:
05 Jul 2019 12:51 pm
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