एमजी रोड : सोमवार को खुलेगी फायनेंशियल बीड
इंदौरPublished: Oct 21, 2021 08:50:26 pm
पूर्व पार्षद ने की धूल और मलबा उठवाने की मांग
इंदौर. एमजी रोड के बड़ा गणपति से कृष्णपुरा तक की सड़क को बनाने के लिए बुलाए गए टेंडर्स की जांच का काम गुरूवार को भी जारी रहा। इस सड़क को बनाने के लिए 6 अलग-अलग कंपनियों ने इसके लिए टेंडर डाले हैं।
शहर की प्रमुख सड़क एमजी रोड के इस 1.7 किलोमीटर लंबे हिस्से को 60 फीट चौड़ा किया जाना है। दो बार टेंडर प्रक्रिया निरस्त होने के कारण इस बार स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारी टेंडर प्रक्रिया को लेकर पूरी सर्तकता बरत रहे हैं। अफसर टेंडर डालने वाली कंपनियों के तकनीकि आर्हता और शर्तों से जुड़े दस्तावेजों की बारिकी से जांच करने का निर्णय लिया है। सभी कंपनियों के टेंडर के साथ दिए गए दस्तावेजों की जांच का काम किया जा रहा है। इस बार स्मार्ट सिटी कंपनी ने टेंडर के दस्तावेजों की जांच के लिए दो स्तर पर तैयारी की है। जिसमें पहले छोटे अफसरों के द्वारा दस्तावेजों की जांच करने के बाद उसे एक बार फिर से वरिष्ठ अधिकारी जिनमें अधीक्षण यंत्री और सीईओ दोनों स्तर पर इनकी जांच की जा रही है। गुरूवार को भी दस्तावेजों की वेरिफिकेशन का काम जारी रहा। कंपनियों द्वारा जो दस्तावेजों में जो काम होना बताए गए हैं, उनक साथ ही जो काम चल रहे हैं उनकी जो जानकारी दी गई है, उसका वेरिफिकेशन का काम लगातार किया जा रहा है। गौरतलब है कि टेंडर डालने वाली 6 कंपनियों में से जिन कंपनियों के दस्तावेज सही पाए जाएंगे, उन्हीं कंपनियों की फायनल बीड खोली जाएगी। और उसीमें से सबसे कम दर वाली कंपनी का चयन करते हुए अंतिम फैसला लिया जाएगा। स्मार्ट सिटी के अफसरों का कहना है कि अभी जांच में लगभग दो दिन का समय ओर लग सकता है। इसके चलते फायनल (फायनेंशियल बीड) सोमवार को ही खोली जाएगी।
दो बार हो चुके टेंडर निरस्त
इस सड़क को बनाने के लिए २०१९ में पहली बार टेंडर हुए थे। लेकिन उस समय टेंडर डालने वाली कंपनी ने अगस्त माह में इस सड़क को 6 माह में बनाने की शर्त को पूरा करने से मना कर दिया था। जिसके बाद उस टेंडर को निरस्त करते हुए सितंबर में दूसरी बार टेंडर बुलाए थे। लेकिन उस समय सबसे कम दर पर दिल्ली की कंपनी लैंडमार्क द्वारा टेंडर डाला गया था। इस कंपनी के टेंडर शर्तों से जुड़े दस्तावेजों को स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों ने पहले तो सही ठहरा दिया था। लेकिन बाद में एक आपत्ति इसको लेकर आई थी। जिसके बाद इस कंपनी के दस्तावेजों की जांच की गई। इस दौरान जानकारी सामने आई की कंपनी ने बीड केपिसिटी को लेकर जो दस्तावेज दिए हैं, उसमें उसने अपने वर्तमान में चल रहे कामों की जानकारी को छुपाया है। जबकि कंपनी की ओर से जो शपथ-पत्र प्रस्तुत किया गया है, उसमें भी इसकी गड़बड़ी सामने आ गई थी। इसके चलते इस टेंडर को निरस्त कर दिया गया। साथ ही गलत जानकारी देने वाली इस कंपनी पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने जुर्माना लगाते हुए टेंडर प्रक्रिया में जमा कराई गई 19.७५ लाख रुपए की अर्नेस्ट मनी को जब्त कर लिया था। साथ ही कंपनी को नगर निगम और स्मार्ट सिटी की किसी भी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से छह महीने के लिए रोक लगा दी गई थी।
पूर्व पार्षद ने लिखी चिट्ठी, जनता हो रही परेशान, हटवाएं मलबा और धूल
एमजी रोड के बडा गणपति से लेकर कृष्णपुरा तक के हिस्से में अधिकांश मकान और दुकानें लोगों ने खुद ही तोड़ लिए हैं। लेकिन इनमें से कई जगह मलबा अभी भी सड़क पर ही पड़ा है। जिसके कारण यहां पूरा दिन धूल उड़ती रहती है। इसको लेकर पूर्व पार्षद दीपक (टीनू) जैन ने निगमायुक्त प्रतिभा पाल को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में जैन ने लिखा है कि एमजी रोड से लगाकर ही मल्हारगंज, कपडा मार्केट, सीतलामाता बाजार, सराफा, पीपली बाजार, खजूरी बाजार सहित राजबाड़ा से जुड़े बाजार मौजूद हैं। वहीं इस सड़क के टूटे होने के कारण जो मलबा पड़ा है उससे धूल उड़ रही है और इस पूरे क्षेत्र में बाजारों में ये ग्राहकी का समय है। दो दिन बाद पुष्य नक्षत्र के दौरान खजूरी बाजार में भीड होती है, लेकिन पूरे क्षेत्र में मलबा फैला होने के कारण धूल हो रही है, जिससे न सिर्फ व्यापार प्रभावित हो रहा है, बल्कि ग्राहकों को भी दिक्कत हो रही है। इसलिए एमजी रोड के टूटे हुए हिस्सों में से मलबा उठवाने के साथ ही यहां पर सफाई करवा दी जाए। साथ ही जहां बिजली के पोल हटाने के कारण अंधेरा हो रहा है, उन सभी जगहों पर अस्थाई रोशनी की व्यवस्था की जाए। वहीं जैन की इस चिट्ठी के मिलने के साथ ही निगमायुक्त ने स्मार्ट सिटी और निगम के अफसरों को इसकी व्यवस्था करने के लिए निर्देश जारी कर दिए।