मप्र ऑप्टोमेट्रिस्ट फेडरेशन अध्यक्ष कमल गोस्वामी ने बताया कि चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों को मेल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई गई है। कहा है कि जल्द ही नोडल अधिकारी डॉ. रीटा जोशी व सुपरिटेंडेंट डीके शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की जाए ताकि योग्य व्यक्ति को नौकरी मिल सके। उन्होंने भी मांग की कि जल्द ही अनुसूची जारी कर पद भरे जाएं। नेत्र सहायक ऑप्टोमेट्रिस्ट के चयन में भारी अनियमितताएं की जा रही हैं।
हॉस्पिटल शुरू, नियुक्ति नहीं शिकायत में कहा गया है कि हॉस्पिटल शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक ऑप्टोमेट्रिस्ट की नियुक्ति नहीं की गई है, लेकिन अस्थायी रूप से अपने चहेते लोगों को इस पद पर रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जानकारी एमजीएम कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित को भी है, लेकिन उन्होंने भी अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई तक नहीं की है।
विज्ञापन निरस्त, लेकिन ले ली परीक्षा उन्होंने बताया कि दो साल पहले भर्ती के लिए एक विज्ञापन जारी किया गया। इस विज्ञापन में नियमों को ताक पर रखा गया। इन विसंगतियां को लेकर शिकायतें की गई तो उसे निरस्त कर दिया गया, लेकिन विभाग ने यह कहकर परीक्षा ले ली कि हम रिजल्ट घोषित नहीं करेंगे। इस पूरे मामले में योग्य व्यक्ति अभी भी नौकरी का इंतजार कर हैं। अफसरों ने मिलीभगत कर कुछ अयोग्य व्यक्तियों को अस्थाई रूप से नौकरी पर रख लिया है। इस मामले में भी शिकायतें की गई हैं।