गौरतलब है, बीएमटी यूनिट शुरू करने के लिए यूएसए के डॉ. प्रकाश सतवानी व अन्य डॉक्टरों की मदद ली गई थी। प्रदेश में एक भी कॉलेज में हेमेटोलॉजिस्ट नहीं होने से शिशु रोग विभाग की दो डॉक्टरों को यूएसए में ट्रेनिंग कराई गई थी। साथ ही ब्लड बैंक के साथ अन्य विभागों को अपग्रेड किया गया। इसके बाद शुरू हुई यूनिट में करीब 20 ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं। अब इस विषय के लिए अलग विभाग शुरू होने के बाद यहां प्रोफेसर्स की भर्ती कर पीजी कोर्स प्रारंभ किया जा सकेगा। यहीं छात्रों को विशेषज्ञ बनाने का काम शुरू होगा। एमजीएम डीन डॉ. ज्योति बिंदल ने बताया, राज्य सरकार से विभाग की स्वीकृति मिल गई है। जल्द एमसीआई को आवेदन किया जाएगा। प्रदेश का पहला कॉलेज होगा: एमजीएम ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग शुरू करने वाला प्रदेश का पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज होगा। इस विषय में ब्लड बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इस विषय में रक्तदान, इम्यूनोमेटोलॉजी, प्रयोगशाला परीक्षण, आधान प्रथाओं, रोगी रक्त प्रबंधन, चिकित्सकीय एफेरेसिस, स्टेम सेल संग्रह, सेलुलर थैरेपी, ब्लड ट्रांसफ्यूजन सहित अन्य विशेषज्ञताएं होती हैं।