हुकमचंद मिल बंद होने के बाद से अभी तक मिल मजदूरों को पैसा नहीं मिल पाया है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार मिल की जमीन को बेचने के बारे में कोई फैसला नहीं कर पा रही है। जिसके कारण मजदूरों को उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मजदूरों ने सरकार के खिलाफ मुहिम शुरू करते हुए शहर में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। मजदूरों ने बीते रविवार को स्वदेशी मिल तिराहे पर मानव शृंखला बनाते हुए हस्ताक्षर अभियान चलाया था। रविवार को मिल मजूदर राजबाड़ा पर अहिल्या प्रतिमा उद्यान में इकट्ठा हुए और वहां पर उन्होने पहले अपनी लड़ाई को किस तरह से आगे बढ़ाया जाए, इसके लिए रणनीति बनाई। बाद में मजदूर उद्यान के बाहर ही तख्ती लेकर खड़े हो गए। मजदूरों के हाथों में इस दौरान तख्तियां थी, जिस पर वे अपने हक का पैसा देने के लिए गुहार लगा रहे थे। मजदूर यहां से आने जाने वालों से हस्ताक्षर करने की दरख्वास्त करते रहे। जनता ने भी मजूदरों का साथ दिया और उनके ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके पहले मजदूरों ने देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा के सामने खड़े होकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। मजूदरों ने इस दौरान एक ज्ञापन भी अहिल्या प्रतिमा के चरणों में रखा जिसमें उन्होने मांग की कि, मजदूरों को देने के लिए वे राज्य सरकार को सदबुद्धी प्रदान करें।
मजदूरों की विधवाएं भी हुई शामिल
मजदूरों की विधवाएं भी हुई शामिल
हुकमचंद मिल मजदूरों के इस आंदोलन में बड़ी संख्या में मिल के मृतक मजदूरों के परिजन भी शामिल हुए। इनमें मजदूरों की उम्रदराज विधवा महिलाएं भी शामिल थी। ये महिलाएं हाथों में तख्तियां लेकर नारे लगा रही थीं।