कान्ह-सरस्वती और फतन खेड़ी नदी की सफाई के साथ तालाब-नदी किनारे हुए कब्जों को हटाने की लड़ाई समाजसेवी कोडवानी लंबे समय से लड़ रहे हैं। इन कामों को करने के लिए पूर्व कलेक्टर निशांत वरवड़े के निर्देशन में एक कमेटी का जहां गठन हुआ, वहीं पायलेट प्रोजेक्ट बनाकर काम शुरू करने की योजना भी बनी, लेकिन इस पर काम आज तक शुरू नहीं हुआ। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी निर्देश दिए पर पालन नहीं हुआ। एनजीटी के निर्देश के पालन के साथ नदी सफाई और कब्जे हटाने के लिए बनी कमेटी से काम कराने के लिए मोर्चा समाजसेवी कोडवानी ने फिर खोला है। इसके साथ ही प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी को एक पत्र भी जारी किया है। इसमें एनजीटी के आदेश उपरांत भी जून-2018 से नदी सफाई का काम ठप होने की बात लिखी है। पीपल्याहाना तालाब को लेकर आज भी स्पष्ट स्थिति नहीं बनने के साथ बिजलपुर और निपानिया सहित 62 तालाब, 10 नदियां इंदौर बेसिक पर अवैध निर्माण और अतिक्रमण होना बताया है।
समाजसेवी कोडवानी ने कहा कि मंत्री पटवारी ने नदी सफाई से लेकर तालाब में होने वाले अतिक्रमण को लेकर हुए संघर्ष में अनेक बार सहभागिता निभाई है। इंदौर वासियों ने अब सत्ता कांग्रेस सरकार को सौंपी है, जिसमें पटवारी केबिनेट मंत्री है। इंदौर की प्रमुख 3 नदियां मंत्री पटवारी की राऊ विधानसभा क्षेत्र से अवतरित होती है। ऐसी स्थिति में मेरा उनसे करबद्घ निवेदन है कि तत्काल 10 करोड़ रुपए राज्य सरकार द्वारा जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को दिलाए, ताकि 31 मार्च तक पायलट प्रोजेक्ट कान्ह, सरस्वती, फतन खेड़ी नदी 30 किलोमीटर सफाई का कार्य पूर्ण कराया जा सकें। अगर मामले में जल्द ही कोई भी ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो सोमवार 7 जनवरी सुबह 9 बजे से मंत्री पटवारी के घर पर धरना देने के लिए बैंठ जाऊंगा। उम्मीद है कि मंत्री पटवारी यह स्थिति बनने नहीं देंगे। इसके पहले ही निर्णय कर लेंगे। गौरतलब है कि नदी सफाई और तालाब किनारे के कब्जों को हटाने के लिए कोडवानी नगर निगम सहित कलेक्टोरेट में कई बार धरने पर बैठ चुके हैं।