चिमनबाग मैदान के रावण दहन कार्यक्रम में मंत्री सज्जनसिंह वर्मा पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि घमंड तो राजा रावण का नहीं रहा, चूर-चूर हो गया। मैं यहां रावण को ही जलाने आया हूं। अमर्यादित भाषा बोलना एक अहंकार और सत्ता के नशे में चूर मूर्ख व्यक्ति की निशानी है। पेंशन घोटाले को शिवराज सरकार ने दबाकर रखा था, लेकिन कमलनाथ दबने वाले नेता नहीं है।
वर्मा बोले कि कैलाश विजयवर्गीय का नाम लिया नहीं है तो वे क्यों उछल रहे हैं। चोर की दाड़ी में तिनका वाली कहावत विजयवर्गीय पर चरितार्थ होती दिख रही है। कमलनाथ को दबंग नेता बताने वाले मंत्री वर्मा से जब पूछा कि कमलनाथ यदि किसी का दबाव सहन नहीं करते हैं तो वे हनीट्रेप मामले में नाम उजागर क्यों नहीं कर रहे हैं। इस पर वर्मा ने कहा कि सारे नाम एक साथ आ जाएंगे, तब ही खुलासा करने में फायदा है, नहीं तो जांच प्रभावित हो सकती है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को कमलनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि डेमोक्रेसी के नाम पर कुछ लोग देश के साथ धोखा कर रहे हैं। पेंशन घोटाले की जांच को लेकर कमलनाथ सरकार पर नाराज हुए और कहा जो बन पड़े वो कर लें। विजयादशमी के मौके पर आरएसएस के पथ संचलन में शामिल हुए विजयवर्गीय ने कहा- कुछ ऐसे लोग हैं, जो हमारे देश में रहकर पाकिस्तान के जयकारे लगाते हैं। इन्हें जवाब देना जरूरी है। उन्होंने कहा- सरकार के पास दो नंबर का पैसा आ रहा है। शराब, अवैध माइनिंग और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से नेताओं ने अवैध कमाई की है। किसानों के हक का जो पैसा सरकारी खजाने में जमा होना था, वह नेताओं के घर चला गया। इसी कारण मुआवजा नहीं बंट पा रहा।