scriptमंत्री के पीए ने पद्मश्री सम्मान प्राप्त इस कलाकार से किया दुव्र्यवहार, मचा हंगामा… | Minister Usha Thakur's PA misbehaved with Padmashree Puru Dadhich | Patrika News

मंत्री के पीए ने पद्मश्री सम्मान प्राप्त इस कलाकार से किया दुव्र्यवहार, मचा हंगामा…

locationइंदौरPublished: Jan 22, 2022 06:43:28 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

मध्य प्रदेश की पर्यटन व संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर के पीए ने पुरु दाधीच को कुर्सी से उठाया, कला जगत का अपमान।

मंत्री के पीए ने पद्मश्री सम्मान प्राप्त इस कलाकार से किया दुव्र्यवहार, मचा हंगामा...

मंत्री के पीए ने पद्मश्री सम्मान प्राप्त इस कलाकार से किया दुव्र्यवहार, मचा हंगामा…

इंदौर. रवींद्र नाट्यगृह में शुक्रवार से शुरू हुए राग अमीर संगीत समारोह में सभ्यता, संस्कृति और शानदार विरासत को याद करने के लिए जाजम बिछनी थी, लेकिन यहां जो कुछ हुआ, वह इंदौर के संस्कार में नहीं है। आरोप है कि अतिथि के रूप में बुलाए गए पद्मश्री और शहर के गौरव पुरु दाधीच का अपमान संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर के पीए ने कर दिया। पीए ने अपने साथियों को बैठाने के लिए कुर्सी से पुरु दाधीच को उठा दिया। आहत पुरु दाधीच कार्यक्रम से घर चले गए और रूंधे गले से ऑडियो संदेश में वेदना जाहिर की। उनका यह संदेश देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस संबंध में मंत्री ऊषा ठाकुर का पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
बहुत बेइज्जत होकर तेरे कूचे से हम निकले…(पुरु दाधीच ने जैसा ऑडियो संदेश में कहा)
आदरणीय भिसे जी, आपके आग्रह पर-आपके निवेदन पर मैं आज (शुक्रवार) शाम को समय से पूर्व रवींद्र नाट्यगृह पहुंचा। साढ़े सात-पौने आठ बजे तक अकेले बैठे रहा। फिर थोड़ी चहलकदमी के लिए बाहर निकला। तब मंत्राणी महोदय पधारीं। उनके साथ उनके तमाम लोग (लग्गु-भग्गू) आए। भीड़ थी, मैं पहुंचा तो आखिर में एक कुर्सी बाकी बची थी। वहां बैठने लगा तो उनके (मंत्री के) पीए ने हटा दिया और किसी और को बैठा दिया। अपमानित होकर, बहुत बेइज्जत होकर तेरे कूचे से हम निकले। मैं वापस घर आ गया हूं। आपने जो सम्मान दिया, उसके लिए शुक्रिया।
कला जगत में आक्रोश
सोचने की बात तो यह है कि सरकार के कार्यक्रमों में सभी आर्टिस्ट को निमंत्रण तक नहीं मिलता है। इन सबसे इतर वरिष्ठों का तो सम्मान करना चाहिए। गुरुकुल सभ्यता में गुरु का कितना महत्व है, यह समझना चाहिए। कम से कम किसी की उम्र का लिहाज तो रखिए। बैठे हुए अतिथि को उठाना बहुत गलत बात है। यह आपकी संस्कृति और संस्कार के स्याह पहलू को दिखाता है।
– आशीष पिल्लई, कथक नर्तक
पुरु दाधीच को पद्मश्री मिला है और वे हमारे शहर का गौरव हैं। यदि हम हमारे गौरव का ही सम्मान नहीं कर रहे हैं तो उनसे छोटे कलाकारों का क्या करेंगे। घटना से यह संदेश गया है कि नेता, अधिकारी के सामने आर्टिस्ट कुछ नहीं हैं। जब आपको लगता है कि प्रचार करना है तो आप आर्टिस्ट को पूछने लगते हैं और जब काम निकल जाता है तो तिरस्कार कर देते हैं। यदि हमारे गुरु के साथ ऐसा हो रहा है तो यंग आर्टिस्ट अपना भविष्य क्या देखेंगे?
– दमयंती भाटिया, कथक नृत्यांगना
वे हमारे सम्माननीय हैं। मेरे सामने यह घटना नहीं हुई। जहां तक उन्हें उठाने की बात है तो वहां काफी जगह थी, हमारी तरफ से किसी को नहीं उठाया गया। पुरु दाधीच को तो सभी पहचानते हैं।
जयंत माधव भिसे, निदेशक, संगीत एवं कला अकादमी
जयंत भिसे जी ने पिताजी को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निवेदन किया और कहा कि आप आएंगे तो हम सरकार से कलाकारों के सम्मान में सभी मांगें रख पाएंगे। पिताजी तय समय से पहले कार्यक्रम में पहुंचे। वहां पर उनका जो अपमान हुआ, उससे वे बेहद आहत हैं। उनका स्वास्थ्य भी नासाज है।
– तुष दाधीच, पुरु दाधीच के पुत्र
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