30 अक्टूबर तक इंदौर ही नहीं, पूरे प्रदेश में बूथ समितियों का गठन कर दिया जाएगा। इंदौर में भी अधिकतर मंडलों में गठन हो गया है, जिसमें अव्वल क्षेत्र-1 का सम्राटअशोक मंडल रहा। यहां के चुनाव प्रभारी विजय मालानी ने चार दिन पहले ही विधायक रमेश मेंदोला, नगर अध्यक्ष गोपी नेमा व नगर चुनाव प्रभारी कल्याण देवांग को सूची सौंप दी। बचे हुए मंडलों में एक-दो दिन में चुनाव हो जाएगा, जिसमें बूथ समिति का खाका खिंचेगा।
सबसे चौंकाने वाला काम तीन नंबर विधानसभा में हुआ, जिसमें बूथ समिति की सूची में केवल नाम ही नहीं है, बल्कि पूरी जानकारी है। समिति के सदस्यों के नाम, पता, मोबाइल नंबर के अलावा फोटो भी लिए जा रहे हैं। मजेदार बार ये है कि कई वार्डों के चुनाव प्रभारियों ने पहले ऐसे ही सूची जमा कर दी थी। बाद में विधायक आकाश विजयवर्गीय व नगर उपाध्यक्ष चुनाव प्रभारी हरप्रीतसिंह बक्शी ने एक बैठक बुलाई।
उन्हें सूची में दर्ज सदस्यों के फोटो लाने के निर्देश दे दिए। ये सुनकर कई नेता सन्न रह गए, क्योंकि उन्हें मालूम है कि कड़ी कसरत करना पड़ेगी। इसको लेकर सभी ने दौड़ लगाना शुरू कर दी। कई सदस्यों को फोटो आ गए हैं तो कुछ के लेने के लिए कार्यकर्ताओं के घर नेता चक्कर लगा रहे हैं। देखा जाए तो ये सूची देश की पहली ऐसी बूथ समिति होगी जिसकी सूची फोटोयुक्त रहेगी।
ऐसा क्यों, क्या फायदा?
आमतौर पर भाजपा संगठन में बूथ समिति के चुनाव बंद कमरे में बैठकर हो जाते हैं। पार्टी ने प्रत्येक बूथ पर कम से कम २० सदस्य रखने की बात कहीं है, जो इतना आसान नहीं है इसलिए चुनाव कराने वाले नेता पार्षद व अन्य नेताओं के कहने पर बंद कमरे में बैठकर बूथ के २० या उससे अधिक नामों की सूची बनाकर सौंप देता है।
कार्यकर्ता या बूथ पर रहने वाले व्यक्ति को मालूम भी नहीं पड़ता कि वह भाजपा का पदाधिकारी हो गया। जांच करने वाला भी नहीं देखता। ऐसे में अब फोटोयुक्त सूची तैयार कर दी गई जिससे यह साफ हो गया कि जितने भी समिति में सदस्य बने हैं वह सब असली हैं और उनकी सहमति से बनाया गया। चुनाव में कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया।