लक्ष्मण अपनी दूसरी पत्नी से मिलने वहां पहुंचा था। यहां नशे में वह आने-जाने वाले लोगों से विवाद करने लगा। उसने कई वाहनों को नुकसान पहुंचा। गुस्साए लोगों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। जब लोग शराबी की पिटाई कर रहे थे तब लक्ष्मण धार्मिक नारे लगा रहा था। बाद में पुलिस बल पहुंचा और डायल-100 से लक्ष्मण और एक अन्य को थाने ले गए। जब उसकी हालत अधिक खराब हो गई तो उसे सिविल अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मंगलवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद आंबाचंदन गांव के लोग और परिजन थाने पहुंचे। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। एडिशनल एसपी महू शशिकांत कनकने के मुताबिक, हत्या का केस दर्ज कर आरोपी अमन पिता बहादुर सिंह, निखिल पिता बहादुरसिंह, राजा पिता राजेश वर्मा और नरेंद्र पिता घासीराम निवासी गायकवाड़ मोहल्ला को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी दीपक व एक अन्य फरार है।
अनसुलझे सवाल जब युवक की हालत गंभीर थी तो उसे सीधे अस्पताल क्यों नहीं ले गए। अस्पताल प्रबंधन ने भी प्राथमिक इलाज कर उसे इंदौर रैफर क्यों नहीं किया? जबकि साधारण मामलों में भी इंदौर रैफर कर दिया जाता है। लेकिन इस मामले में एक घंटे तक उसे अस्पताल में रखा।
दूसरी पत्नी ने बुलाई मदद लक्ष्मण के दोस्त पवन राव और गोविंद वर्मा ने बताया, लक्ष्मण की दूसरी पत्नी का रात 9.30 बजे फोन आया था। उसने बताया, लोग लक्ष्मण को मार रहे हैं। जब हम पहुंचे तो लोग उसे पीट रहे थे। वहां पुलिस भी मौजूद थी। इसके बाद डॉयल 100 में उसे महू थाने लेकर आए।
पुलिस रात 12.30 बजे घायल को लेकर आई थी। करीब घंटेभर में मौत हो गई थी। मुझे अच्छी तरह जानकारी नहीं है।
– डॉ. हंसराज वर्मा, प्रभारी, सिविल अस्पताल रात करीब 11.45 बजे लक्ष्मण व अन्य को थाने लेकर आए थे। ज्यादा चोट होने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। एक से डेढ़ घंटे में उसकी मौत हो गई। मंगलवार सुबह डॉक्टरों की टीम ने पीएम किया, जिसमें सिर में चोट लगने से मौत होना बताया है।
– अरुण सोलंकी, टीआइ