लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पूर्व गृह मंत्री प्रकाशचंद्र सेठी को हराकर इंदौर की सीट पर कब्जा किया था। इस बार भी शुरुआत में उन्हें तैयारी करने के संकेत दिए गए थे, जिसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक लेना शुरू कर दिया। बाद में समीकरण बदले और 75 के फॉर्मूले पर बात बिगड़ गई। स्थिति यह हुई कि ताई को खुद ही चुनाव लडऩे से इनकार करना पड़ा। इसके बाद इंदौर में भाजपा की उम्मीदवारी को लेकर बवाल मच गया। एक दर्जन से ज्यादा उम्मीदवार टिकट की कतार में लग गए। इससे न सिर्फ पार्टी का भीतरी अनुशासन सडक़ पर आ गया, बल्कि गुटबाजी भी चरम पर जा पहुंची। ताई का टिकट कटने से मराठी समाज भी नाराज हो गया। करीब ढाई लाख वोट की ताकत रखने वाले मराठी समाज के विभिन्न संगठनों ने पार्टी अध्यक्ष को चि_ियां लिखी। अंतत: आईडीए के पूर्व अध्यक्ष शंकर लालवानी उम्मीदवार घोषित किए गए। शुरुआती एक-दो दिन तो सब साथ नजर आए, लेकिन धीरे-धीरे लगने लगा कि प्रत्याशी अकेले पड़ गए हैं। विरोध और असंतोष के बीच मोदी ही एकमात्र विकल्प बच गए थे। लिहाजा रविवार को हुई सभा में मोदी इंदौर का ही यशगान करते रहे।
प्रियंका के रोड शो से किया काउंटर प्रचार में शुरू से आक्रामक नजर आ रही कांग्रेस ने मोदी की सभा के दूसरे ही दिन प्रियंका गांधी का रोड शो किया। पहली बार इंदौर आई प्रियंका ने दादी इंदिरा की छवि दिखाने की कोशिश की। काफिले के सामने मोदी-मोदी का नारा लगा रहे लोगों से हाथ मिलाया उन्हें ऑल द बेस्ट कहा और राजबाड़ा पर सभा में मोदी की खामियां गिनाने के साथ राहुल भैया की तरफदारी भी की। उनकी सेलिब्रिटी वैल्यू वोट में कितनी कनवर्ट होगी यह तो परिणाम बताएंगे। फिलहाल एक-दूसरे को काउंटर करने की कोशिश की जा रही है।