जेडी जेके शर्मा ने बताया कि जेडी कार्यालय जर्जर हो चुका है। यहां कभी भी हादसा हो सकता है। नए भवन का प्रोजेक्ट निरस्त हो चुका है, इसलिए मुख्यालय ने हमें नूतन स्कूल के पास 16 कक्षों में कार्यालय शिफ्ट करने की अनुमति दी। वहां जनजाति विभाग का होस्टल चलता था, जो अब हातोद में शिफ्ट हो चुका है। अधीक्षक वहां अब भी रह रहे हंै। वे कक्ष खाली नहीं कर रहे। कमिश्नर और कलेक्टर को शिकायत करने के साथ नोटशीट भी लिखी जा चुकी है, लेकिन कार्यालय शिफ्ट करने के लिए दूसरा भवन नहीं मिला। फिलहाल हम इसी जर्जर भवन में काम करने के लिए मजबूर है।
अफसरों ने किया था दौरा कुछ महीने पहले लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त ने दोनों कार्यालयों का दौरा किया था। इन्हें ध्वस्त कर नया भवन बनाने की बात हुई थी। जेडी की ओर से डीइओ कार्यालय के पास जी प्लस वन भवन बनाने की बात हुई। दोनों कार्यालय के लिए 80-80 लाख रुपए स्वीकृत हुए। प्रोजेक्ट भी बना, लेकिन 31 मार्च निकल जाने पर स्वीकृत पैसा लैप्स हो गया। आयुक्त ने नूतन स्कूल में कार्यालय संचालित करने के लिए कहा, लेकिन वहां होस्टल के कर्मचारी कब्जा कर रह रहे हैं। वर्तमान में भी इस जगह पर हॉस्टल के संचालक कब्जा जमाए हुए है। शिकातय के बाद भी कलेक्टर द्वारा यहां पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।