जिले में हर साल दुर्घटनाओं में 400 से ज्यादा लोगों की मौत होती है और कई गुना घायल होते हैं। इसमें से करीब 40 से 50 प्रतिशत मामलों में वाहन की तेज रफ्तार को दुर्घटना का मुख्य कारण माना जाता है। हाई वे पर होने वाली दुर्घटनाओं में तो अकसर तेज गति ही वाहन दुर्घटना का कारण होती है। ट्रैफिक पुलिस के अफसर भी मानते हैं कि वाहनोंं की अनियंत्रित गति दुर्घटना का कारण बनती है लेकिन इसके बाद भी रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए जाते हैं। पहले पुलिस के पास स्पीड गन थी जिससे वाहन की गति को मापा जा सकता है, इस महीने मुख्यालय ने एक एंटर सेप्टर वाहन भी उपलब्ध करा दिया है। तमाम व्यवस्थाओं के बाद भी तेज गति की कार्रवाई काफी कम है।
तेज गति के साथ ही शराब पीकर वाहन चलाना भी एक्सीडेंट का मुख्य कारण है लेकिन ट्रैफिक पुलिस इस पर भी कार्रवाई नहीं कर पाती है। वर्ष 2021 के आंकड़ों पर नजर डालें तो शराब पीकर गाड़ी चलाने पर किसी महीने में 3 तो किसी महीने में सिर्फ 9 चालान बने। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मई, जून, जुलाई में तो किसी तरह की कार्रवाई भी नहीं हुई। अगस्त में भी 82, सितंबर में 90 व 20 अक्टूबर तक 60 चालान ही बन पाए हैं।
तेज गति के साथ ही शराब पीकर वाहन चलाना भी एक्सीडेंट का मुख्य कारण है लेकिन ट्रैफिक पुलिस इस पर भी कार्रवाई नहीं कर पाती है। वर्ष 2021 के आंकड़ों पर नजर डालें तो शराब पीकर गाड़ी चलाने पर किसी महीने में 3 तो किसी महीने में सिर्फ 9 चालान बने। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मई, जून, जुलाई में तो किसी तरह की कार्रवाई भी नहीं हुई। अगस्त में भी 82, सितंबर में 90 व 20 अक्टूबर तक 60 चालान ही बन पाए हैं।
केस 1 अनियंत्रित कार डिवाइडर में घुसी, एक छात्र की मौत
सितंबर में सुपर कॉरिडोर पर भीषण दुर्घटना हो चुकी है। तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर में घुसने के बाद कई बार पलटी। इस दुर्घटना में कार सवार हरदा के मूल निवासी छात्र की मौत हो गई जबकि तीन घायल हो गए। सभी छात्र यहां कॉलेज में एडमिशन के लिए आए थे। सुपर कॉरिडोर पर घूमने के दौरान कार अनियंत्रित हो गई थी।
सितंबर में सुपर कॉरिडोर पर भीषण दुर्घटना हो चुकी है। तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर में घुसने के बाद कई बार पलटी। इस दुर्घटना में कार सवार हरदा के मूल निवासी छात्र की मौत हो गई जबकि तीन घायल हो गए। सभी छात्र यहां कॉलेज में एडमिशन के लिए आए थे। सुपर कॉरिडोर पर घूमने के दौरान कार अनियंत्रित हो गई थी।
केस 2 100 किमी थी रफ्तार, एयरबेग खुला तो बची जान
सुपर कॉरिडोर पर जून में भी तेज गति के कारण भीषण हादसा हुआ था। चार दोस्तों ने कार को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया और एक्सीडेंट का शिकार हो गए। गनीमत थी कि लग्जरी कार के एयरबैग खुल गए और युवकों को मामूली चोट आई। कई पलटी खाने से कारण के परखच्चे उड़ गए थे। कुछ समय बाद उद्योगपति के बेटे की लग्जरी कार के भी यही हाल हुए। वह भी एयरबेग के कारण बच गया।
सुपर कॉरिडोर पर जून में भी तेज गति के कारण भीषण हादसा हुआ था। चार दोस्तों ने कार को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया और एक्सीडेंट का शिकार हो गए। गनीमत थी कि लग्जरी कार के एयरबैग खुल गए और युवकों को मामूली चोट आई। कई पलटी खाने से कारण के परखच्चे उड़ गए थे। कुछ समय बाद उद्योगपति के बेटे की लग्जरी कार के भी यही हाल हुए। वह भी एयरबेग के कारण बच गया।
केस 3 खंडवा रोड पर 2 दोस्तों की मौत
खंडवा रोड पर भेरुघाट में जनवरी 2021 को पिकनिक के लिए जाते समय युवकों की कारण अज्ञात वाहन से टकरा गई थी। तेज गति में ओवर टेक करने के दौरान हादसा हुआ और दो दोस्तों की मौकें पर मौत हो गई जबकि 2 घायल हुए थे। नशे में गाड़ी चलाने की भी बात सामने आई थी।
खंडवा रोड पर भेरुघाट में जनवरी 2021 को पिकनिक के लिए जाते समय युवकों की कारण अज्ञात वाहन से टकरा गई थी। तेज गति में ओवर टेक करने के दौरान हादसा हुआ और दो दोस्तों की मौकें पर मौत हो गई जबकि 2 घायल हुए थे। नशे में गाड़ी चलाने की भी बात सामने आई थी।
माह—तेज गति के चालान—समन शुल्क—ड्रिंक एंड ड्राइव जनवरी—15—15000—3
फरवरी—01—1000—9 मार्च—827—788000—74
अप्रेल—149—146000—0 मई—0—0—0
जून—136—136000—0 जुलाई—230—228000—35
अगस्त—84—76000—82 सितंबर—25—23000—90 ये हैं ब्लैक स्पॉट
– लवकुश चौराहा – एबी रोड देवास नाका
– खंडवा रोड भेरूघाट – किशनगंज पुलिया
– सुपर कॉरिडोर
फरवरी—01—1000—9 मार्च—827—788000—74
अप्रेल—149—146000—0 मई—0—0—0
जून—136—136000—0 जुलाई—230—228000—35
अगस्त—84—76000—82 सितंबर—25—23000—90 ये हैं ब्लैक स्पॉट
– लवकुश चौराहा – एबी रोड देवास नाका
– खंडवा रोड भेरूघाट – किशनगंज पुलिया
– सुपर कॉरिडोर
पुलिस तो कार्रवाई करती है, लोगों को सचेत होना होगा दुर्घटनाओं में एक बड़ा कारण वाहन की तेज गति व शराब पीकर वाहन चलाना है। पुलिस के पास जितने संंसाधन हैं उस हिसाब से कार्रवाई होती है। हर जगह चेकिंग करना संभव नहीं है। इसके लिए तो वाहन चालक को सचेत होना होगा। लोगों को समझना होगा कि तेज गति व शराब पीकर वाहन चलाने से एक्सीडेंट होते हैं। चालक को सचेत रहना होगा कि शराब पीकर गाड़ी न चलाएं, गति इतनी रखी कि वाहन नियंत्रण में रहे। पुलिस तो चालान बनाने के साथ ही लाइसेंस निरस्ती की भी कार्रवाई करती है।
उमाकांत चौधरी, डीएसपी ट्रैफिक
उमाकांत चौधरी, डीएसपी ट्रैफिक