ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े से साफ है कि जहां वर्ष 2021 में शुरुआती पांच महीने यानी जनवरी से मई तक कुल 103 मौतें हुई थी वहीं 2022 में 102 मौतें दर्ज की गई है। पुलिस ने इस दौरान जहां ज्यादा दुर्घटनाओं होती है वहां सुधार के प्रयास किए, लोगों को जागरुक करने के साथ ही नियम तोडऩे पर सख्त चालानी कार्रवाई भी की लेकिन ज्यादा कुछ असर नजर नहीं आया।
बन गए नए डेंजर जोन
दुर्घटनाओं के आंकलन से साफ है कि शहर में पहले जहां लव कुश चौराहा, बापट चौराहा डेंजर जोन थे, यहां दुर्घटनाएं ज्यादा होती थी लेकिन अब देवास नाका, खंडवा रोड पर भंवरकुआँ से तेजाजीनगर का इलाका नया डेंजर जोन बन गया है। इन पांच महीनों में देवास नाका के लसूडिय़ा थाना इलाका व तेजाजीनगर इलाके में 15-15 मौतें हो चुकी है। भंवरकुआं के आइटी पॉर्क चौराहे पर ही अब हर दिन 4 से 5 दुर्घटनाएं हो रही है। ट्रैफिक पुलिस ने देवास नाका व खंडवा रोड पर ध्यान देना शुरू किया है। आइटी पॉर्क चौराहे पर सुधार व ट्रैफिक सिग्नल के लिए टीआइ शशिकांत चौरसिया ने नगर निगम को पत्र लिखकर मांग की है।
दुर्घटनाओं के आंकलन से साफ है कि शहर में पहले जहां लव कुश चौराहा, बापट चौराहा डेंजर जोन थे, यहां दुर्घटनाएं ज्यादा होती थी लेकिन अब देवास नाका, खंडवा रोड पर भंवरकुआँ से तेजाजीनगर का इलाका नया डेंजर जोन बन गया है। इन पांच महीनों में देवास नाका के लसूडिय़ा थाना इलाका व तेजाजीनगर इलाके में 15-15 मौतें हो चुकी है। भंवरकुआं के आइटी पॉर्क चौराहे पर ही अब हर दिन 4 से 5 दुर्घटनाएं हो रही है। ट्रैफिक पुलिस ने देवास नाका व खंडवा रोड पर ध्यान देना शुरू किया है। आइटी पॉर्क चौराहे पर सुधार व ट्रैफिक सिग्नल के लिए टीआइ शशिकांत चौरसिया ने नगर निगम को पत्र लिखकर मांग की है।
दो साल में दुर्घटनाओं की स्थिति (जनवरी से मई तक)
वर्ष दुर्घटनाएं मौत
2021 103
2022 102
हेलमेट नहीं पहनने, वन-वे का पालन नहीं करने, मोबाइल पर बात करने के सबसे ज्यादा चालान
पिछले सालों के मुकाबले पुलिस नियम तोडऩे वालों पर इस साल सख्त रही है। पांच महीने में ही करीब 2.61 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला जा चुका है। वर्ष 2020 यानी कोरोना काल में कुल 2 करोड़ 99 लाख तो 2021 में कुल 3 करोड़ 92 लाख का जुर्माना वसूला गया था जिसके मुकाबले इस साल ज्यादा राशि जमा हो चुकी है। पुलिस ने ससबसे ज्यादा चालान हेलमेट नहीं पहनने, वन वन का पालन नहीं करने, मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाने के बनाए है। पुलिस का दावा था कि लोगों को जागरुक करने के साथ सख्ती से नियम पालन कराएंगे तो एक्सीडेंट के मामले भी कम होंगे लेकिन ऐसा नजर नहीं आ रहा।
माह -रांग पार्किंग -नंबर प्लेट -संकेत उल्लंघन -मोबाइल पर बात -वन वे -हेलमेट
जनवरी -361 -957 -2741 -98 -616 -133
फरवरी -466 -1813 -4399 -169 -252 -401
मार्च -418 -1911 -5876 -286 -193 -659
अप्रैल -372 -1063 -8251 -724 -240 -598
मई -735 -1387 -7958 -952 -389 -1051
कुल 2352 -7131 -29225 -2229 -1690
जनवरी -361 -957 -2741 -98 -616 -133
फरवरी -466 -1813 -4399 -169 -252 -401
मार्च -418 -1911 -5876 -286 -193 -659
अप्रैल -372 -1063 -8251 -724 -240 -598
मई -735 -1387 -7958 -952 -389 -1051
कुल 2352 -7131 -29225 -2229 -1690
अधिकांश घटना बाहरी इलाके में, पुलिस के प्रयास जारी है: जैन
ट्रैफिक डीसीपी महेशचंद्र जैन के मुताबिक एक्सीडेंट कम करने के लिए पुलिस ने काफी प्रयास किए है। शहर के अंदर लोगों को जागरुक करने के साथ ही नियम तोडऩे वालों पर सख्ती की जा रही है। अभी तक जितने एक्सीडेंट के मामले हुए है वह शहर के बाहरी इलाके में ज्यादा है। आधी रात के बाद ज्यादा घटनाएं हो रही है जिसके कारण परेशानी आ रही है। पुलिस एक्सीडेंट व मौतों को कम करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। एक्सीडेंट जोन को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है, उम्मीद है कि अच्छे परिणाम आएंगे।
ट्रैफिक डीसीपी महेशचंद्र जैन के मुताबिक एक्सीडेंट कम करने के लिए पुलिस ने काफी प्रयास किए है। शहर के अंदर लोगों को जागरुक करने के साथ ही नियम तोडऩे वालों पर सख्ती की जा रही है। अभी तक जितने एक्सीडेंट के मामले हुए है वह शहर के बाहरी इलाके में ज्यादा है। आधी रात के बाद ज्यादा घटनाएं हो रही है जिसके कारण परेशानी आ रही है। पुलिस एक्सीडेंट व मौतों को कम करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। एक्सीडेंट जोन को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है, उम्मीद है कि अच्छे परिणाम आएंगे।