रिचार्ज जोन बनाएं, अति दोहन रोकें
जांच दल के सदस्य इन जिलों के कलेक्टरों से भी मिले। चर्चा में कहा गया कि िस्थति में सुधार के उपाय और भूजल मैपिंग करें। इसके लिए रिचार्ज की व्यवस्था की जाए। स्थानीय स्रोतों या नए स्रोतों से बारिश का पानी सहेजें। रिपोर्ट में पानी की उपलब्धता के अनुसार गांवों का वर्गीकरण किया गया। इनमें ऐसे गांव जहां पानी नहीं है, जहां गर्मी में कमी आती है और जनवरी में ही संकट गहराने वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया गया।
जांच दल के सदस्य इन जिलों के कलेक्टरों से भी मिले। चर्चा में कहा गया कि िस्थति में सुधार के उपाय और भूजल मैपिंग करें। इसके लिए रिचार्ज की व्यवस्था की जाए। स्थानीय स्रोतों या नए स्रोतों से बारिश का पानी सहेजें। रिपोर्ट में पानी की उपलब्धता के अनुसार गांवों का वर्गीकरण किया गया। इनमें ऐसे गांव जहां पानी नहीं है, जहां गर्मी में कमी आती है और जनवरी में ही संकट गहराने वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया गया।
इन जिलों में हालात खराब रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में ज्यादा चिंताजनक हालात मालवा, निमाड़ व बुंदेलखंड में हैं। इंदौर-उज्जैन परिक्षेत्र के बड़वानी, झाबुआ, नीमच, शाजापुर, आगर-मालवा, उज्जैन व रतलाम जिलों के 25 से 30 फीसदी गांवों में जलसंकट है। बुंदेलखंड के सागर, पन्ना, छतरपुर हैं। इनके अलावा विदिशा, रायसेन, छिंदवाड़ा, ग्वालियर, श्योपुर, दतिया व रायसेन सहित कुछ और जिलों के गांवों में भूजल और अन्य साधन नहीं मिलने से िस्थति खराब है। इन जिलों के विकासखंडों में पानी का अति दोहन हो रहा है। यानी 100 प्रतिशत से ज्यादा पानी जमीन से निकाला जा रहा है।
भूजल स्तर गिरने के कारण अत्यधिक दोहन, रिचार्ज नहीं होना, स्टोरेज क्षमता कम होना, जलवायु परिवर्तन के कारण असमान बारिश, जल प्रदूषण, जलापूर्ति व्यवस्था का खराब ऑपरेशन, मेंटेनेंस आदि। प्रदेश में जल जीवन मिशन की िस्थति
कुल गांव – 51548
कुल गांव – 51548
100 प्रतिशत नल – 6511
काम जारी – 20458 काम शुरू हो रहा – 24579
ग्राम समितियां बनी – 27336 कनेक्शन की िस्थति
बुरहानपुर – 100 प्रतिशत इंदौर – 94
बालाघाट – 65 खंडवा – 63
बैतूल – 60
काम जारी – 20458 काम शुरू हो रहा – 24579
ग्राम समितियां बनी – 27336 कनेक्शन की िस्थति
बुरहानपुर – 100 प्रतिशत इंदौर – 94
बालाघाट – 65 खंडवा – 63
बैतूल – 60
दतिया – 59
पन्ना – 19
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