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बड़ी खबर: मध्य प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा गांवों में पानी का टोटा

locationइंदौरPublished: Sep 26, 2022 01:44:08 am

Submitted by:

shatrughan gupta

इंदौर जिले के 94 प्रतिशत गांवों के घरों में पहुंचे नल।

बड़ी खबर: मध्य प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा गांवों में पानी का टोटा

बड़ी खबर: मध्य प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा गांवों में पानी का टोटा

संदीप पारे
इंदौर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल 2024 तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके लिए पानी का मुख्य स्रोत भूजल है। इंदौर-उज्जैन परिक्षेत्र के बुरहानपुर जिले में 100 प्रतिशत तो इंदौर में 94 फीसदी गांवों के घरों में नल पहुंच गए हैं, लेकिन इस परिक्षेत्र में अति दोहन की िस्थति से गांवों में पानी नहीं मिल रहा है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के 10136 गांवों में सरकार पानी ढूंढ रही है। इसमें इस परिक्षेत्र के ही 25 फीसदी से ज्यादा गांव संकट में हैं। इंदौर ने लक्ष्य हासिल कर लिया है, लेकिन यहां भी देपालपुर-महू व सांवेर के कई गांवों में जनवरी-फरवरी तक ही पानी मिलने की िस्थति है। प्रदेश में जल जीवन मिशन पर आधे गांवों में ही काम शुरू हो सका है। रिपोर्ट में इसके कारण चौंकाने वाले हैं। 52 जिलों के 10 हजार से ज्यादा गांव में पर्याप्त भूजल मिलने की िस्थति नहीं है। इन गांवों के आसपास ऐसे बड़े जमीनी जल स्रोत भी नहीं हैं, जिनका उपयोग नलों से पानी पहुंचाने के लिए किया जा सके। पिछले दिनों केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की पांच सदस्यीय टीम परिक्षेत्र के गांवों की िस्थति देखने पहुंची थी। सरकार की चिंता यह है कि जब पानी की उपलब्धता ही नहीं होगी तो नलों से घरों में पानी कैसे पहुंचाएंगे?
रिचार्ज जोन बनाएं, अति दोहन रोकें
जांच दल के सदस्य इन जिलों के कलेक्टरों से भी मिले। चर्चा में कहा गया कि िस्थति में सुधार के उपाय और भूजल मैपिंग करें। इसके लिए रिचार्ज की व्यवस्था की जाए। स्थानीय स्रोतों या नए स्रोतों से बारिश का पानी सहेजें। रिपोर्ट में पानी की उपलब्धता के अनुसार गांवों का वर्गीकरण किया गया। इनमें ऐसे गांव जहां पानी नहीं है, जहां गर्मी में कमी आती है और जनवरी में ही संकट गहराने वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया गया।
इन जिलों में हालात खराब

रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में ज्यादा चिंताजनक हालात मालवा, निमाड़ व बुंदेलखंड में हैं। इंदौर-उज्जैन परिक्षेत्र के बड़वानी, झाबुआ, नीमच, शाजापुर, आगर-मालवा, उज्जैन व रतलाम जिलों के 25 से 30 फीसदी गांवों में जलसंकट है। बुंदेलखंड के सागर, पन्ना, छतरपुर हैं। इनके अलावा विदिशा, रायसेन, छिंदवाड़ा, ग्वालियर, श्योपुर, दतिया व रायसेन सहित कुछ और जिलों के गांवों में भूजल और अन्य साधन नहीं मिलने से िस्थति खराब है। इन जिलों के विकासखंडों में पानी का अति दोहन हो रहा है। यानी 100 प्रतिशत से ज्यादा पानी जमीन से निकाला जा रहा है।
भूजल स्तर गिरने के कारण

अत्यधिक दोहन, रिचार्ज नहीं होना, स्टोरेज क्षमता कम होना, जलवायु परिवर्तन के कारण असमान बारिश, जल प्रदूषण, जलापूर्ति व्यवस्था का खराब ऑपरेशन, मेंटेनेंस आदि।

प्रदेश में जल जीवन मिशन की िस्थति
कुल गांव – 51548
100 प्रतिशत नल – 6511
काम जारी – 20458

काम शुरू हो रहा – 24579
ग्राम समितियां बनी – 27336

कनेक्शन की िस्थति
बुरहानपुर – 100 प्रतिशत

इंदौर – 94
बालाघाट – 65

खंडवा – 63
बैतूल – 60
दतिया – 59
पन्ना – 19

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