मां अन्नपूर्णा का दरबार सजकर तैयार हो गया है जिसमें सोने-चांदी, हीरे-जवाहरात सहित कई मुल्यवान धातुएं लगाई गई है। आज अभिजीत मुहूर्त मैं महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के हाथों मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। लोकार्पण के बाद शाम को नए मंदिर में मां अन्नपूर्णा के दर्शन कर सकेंगे। 22 करोड़ रुपए की लागत से मां अन्नपूर्णा का नया मंदिर तैयार हो गया है, जिसका प्राण प्रतिष्ठा समारोह पिछले पांच दिन से चल रहा है। संगमरमर से बने मंदिर स्वामी अवधेशानंद करेंगे लोकार्पण सान्निध्य में आज अभिजीत मुहूर्त में मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी। शाम 4.30 बजे लोकार्पण होगा, जिसके बाद माता के दर्शन करने बालों के लिए पट खोल दिए जाएंगे। कार्यक्रम में की दीवारों पर अद्भुत कलाकृतियां उकेरी गई है, जो शामिल होने के लिए प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी महाआरती होगी। कार्यक्रम के दौरान सत्संग भवन में आकर्षण का केंद्र है। स्वामी अवधेशानंद गिरि के आज इंदौर पहुंचे हैं। गौरतलब है कि सभी प्रतिमाओं के गर्भगृह के नीचे स्वर्ण, रजत, हीरा पन्ना, जवाहरात व अन्य मूल्यवान धातुएं रख दी गई है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद में मातारानी को 56 भोग समर्पित किए जाएंगे और पहली स्वामी अवधेशानंद आशीर्वाचन भी देंगे।
मां अन्नपूर्णा का दरबार सजकर तैयार हो गया है जिसमें सोने-चांदी, हीरे-जवाहरात सहित कई मुल्यवान धातुएं लगाई गई है। आज अभिजीत मुहूर्त मैं महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के हाथों मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। लोकार्पण के बाद शाम को नए मंदिर में मां अन्नपूर्णा के दर्शन कर सकेंगे। 22 करोड़ रुपए की लागत से मां अन्नपूर्णा का नया मंदिर तैयार हो गया है, जिसका प्राण प्रतिष्ठा समारोह पिछले पांच दिन से चल रहा है। संगमरमर से बने मंदिर स्वामी अवधेशानंद करेंगे लोकार्पण सान्निध्य में आज अभिजीत मुहूर्त में मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी। शाम 4.30 बजे लोकार्पण होगा, जिसके बाद माता के दर्शन करने बालों के लिए पट खोल दिए जाएंगे। कार्यक्रम में की दीवारों पर अद्भुत कलाकृतियां उकेरी गई है, जो शामिल होने के लिए प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी महाआरती होगी। कार्यक्रम के दौरान सत्संग भवन में आकर्षण का केंद्र है। स्वामी अवधेशानंद गिरि के आज इंदौर पहुंचे हैं। गौरतलब है कि सभी प्रतिमाओं के गर्भगृह के नीचे स्वर्ण, रजत, हीरा पन्ना, जवाहरात व अन्य मूल्यवान धातुएं रख दी गई है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद में मातारानी को 56 भोग समर्पित किए जाएंगे और पहली स्वामी अवधेशानंद आशीर्वाचन भी देंगे।