अधिकारियों के अनुसार, माध्यमिक शिक्षा मंडल ही संवेदनशील केंद्र घोषित करता है। जिन परीक्षा केंद्रों पर प्रायवेट छात्र हों, पहले नकल प्रकरण बने हों या फिर जहां की निगरानी करने में समस्या हो तो इन्हें संवेदनशील माना जाता है।
बोर्ड परीक्षा के बदले यह नियम
एक बार फिर मध्यप्रदेश सरकार ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए 5वीं और 8वीं को बोर्ड परीक्षा में शामिल कर लिया है।अब पूर्व की भांति कक्षा 8 तक के सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से पास करने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। अब वही छात्र पास होंगे जिनके द्वारा परीक्षा पास किया जायेगा। मतलब अब छात्र जबरन पास नहीं होंगे। उन्हें पढ़कर ही पास होना होगा।
पूर्व में शिक्षा की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए ऐसी व्यवस्था की गई थी जिसमें कहा गया था आठवीं तक के किसी भी छात्रों को फेल नहीं किया जाएगा। लेकिन छात्रों में पढ़ाई के प्रति बढ़ती अरुचि को देखते हुए। अब परीक्षा में पास होने, सप्लीमेंट्री होने तथा पूरक होने की पूर्व व्यवस्था लागू कर दी गई है।