दोस्त घर लौट गए, लेकिन श्याम डटा रहा खुशी के इस मौके पर जब संस्था संचालिका मोनिका पंजाबी से बात की तो उन्होंने कहा कि श्याम नर्सरी कक्षा से ही हमारी एकेडमी में पढ़ रहा है और हमेशा से ही पढऩे में बहुत होशियार भी है। हमेशा कुछ नया सीखने की उत्सुकता हमने उसमें अकसर देखी है। समर कैंप के दौरान भी उसके सारे दोस्त घर लौट गए, लेकिन वो आखिर तक क्लासेस अटैंड करता रहा। दरअसल कैंप में जनरल नॉलेज एजुकेशन लैक्चर्स चल रहे थे और श्याम का जनरल नॉलेज भी बहुत अच्छा है।
संस्था ने बनाया काबिल श्याम के पिता भरत बिरला ने कहा कि बेटे की सफलता का पूरा श्रेय एकेडमी और प्रिंसिपल उषा पंजाबी को देंगे क्योंकि हमें तो साइन लैंग्वेज भी नहीं आती है। हम बेटे से बात भी नहीं कर पाते थे। उन्होंने बेटे को काबिल बना दिया जो हमारे लिए गर्व का विषय है। श्याम अब आगे बीकॉम के बाद एमबीए की पढ़ाई करना चाहता है। श्याम ने 79.75 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं और अब वे आगे चलकर सामाजिक श्रेत्र में भी काम करना चाहते हैं।