इंदौर

MP Election 2018 : कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए निकले विरोधी

गोलू, कमलेश, पंकज, चिंटू और पिंटू ने संभाला मोर्चा, अपनी-अपनी विधानसभा में घूमकर करवाया मतदान

इंदौरNov 29, 2018 / 10:58 am

Uttam Rathore

MP Election 2018 : कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए निकले विरोधी

इंदौर.
कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए विरोधी भी निकले, लेकिन अब इन्होंने मदद की या फिर भीतरघात, इसका खुलासा 11 दिसंबर को काउंटिंग होने के बाद आने वाले परिणाम देखकर ही होगा। विरोध का झंडा उठाने वाले नेताओं ने अपनी-अपनी विधानसभा में घूमकर मतदान कराने के साथ दिनभर मोर्चा अलग संभाले रखा।
विधानसभा चुनाव में दावेदारी करने के बावजूद टिकट न मिलने से नाराज कई कांग्रेस नेताओं ने विरोध कर दिया था। इसके साथ ही निर्दलीय चुनाव लडऩे के लिए नामांकन-फॉर्म अलग दाखिल कर दिए थे। पार्टी के बड़े नेताओं की समझाईश के बाद कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में फॉर्म भी उठा लिए। पार्टी से नाराज चलने के साथ प्रत्याशी का विरोध करने वाले यह कांग्रेस नेता चुनाव में काम करेंगे या नहीं इसको लेकर सवाल अलग खड़े हो रहे थे।
इतना ही नहीं इनके दूसरी विधानसभा में काम करने के लिए जाने की बात भी कही जा ही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बुधवार को मतदान के दिन कांग्रेस प्रत्याशियों का विरोध करने वाले नेता अपनी-अपनी विधानसभा में समर्थकों को साथ लेकर निकले। साथ ही लोगों को घर से निकालकर मतदान कराया। बूथों पर हो रही गड़बड़ी को रोकने साथ मोर्चा संभाले रखा। विरोधियों की सक्रियता को देखकर चर्चा का बाजार गर्म था कि क्या वाकई में यह पार्टी का काम कर रहे या फिर प्रत्याशी से अपनी दुश्मनी निकाल रहे हैं।
सक्रियता को देखकर कांग्रेसी हुए दंग
एक नंबर विधानसभा से टिकट मिलने के बाद कट जाने से नाराज चल रहे गोलू अग्निहोत्री ने जहां अपने समर्थक रफीक खान और मुकेश यादव के साथ मोर्चा संभाल रखा था, वहीं प्रबल दावेदारी करने के बावजूद टिकट न मिलने पर निर्दलीय फॉर्म भरकर वापस लेने वाले कमलेश खंडेलवाल भी सक्रिय नजर आए। दो नंबर विधानसभा से प्रबल दावेदारी करने के बावजूद टिकट न मिलने पर चिंटू चौकसे अपने साथी राजू सिंह भदौरिया के साथ क्षेत्र में घूमते रहे। तीन नंबर विधानसभा से अपने बेटे पिंटू जोशी को टिकट दिलाने की जंग पार्टी से हारने वाले महेश जोशी पूरे समय विधानसभा में घूमते रहे और पिंटू ने भी सक्रियता से मोर्चा संभाल रखा। पांच नंबर विधानसभा से दावेदारी करने वालों में से किसी को टिकट नहीं दिया गया। इससे नाराज चलने वाले पंकज संघवी, शेख अलीम, रघु परमार, अमन बजाज और विपिन खुजनेरी भी काम पर लगे रहे। इनके साथ ही छोटे यादव और अरविंद बागड़ी ने भी टिकट मांगा, लेकिन नहीं मिला। इन्होंने तीन नंबर विधानसभा में मोर्चा संभाल रखा था।
देपालपुर विधानसभा में मोती सिंह पटेल सक्रिय रहे जिन्होंने टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा की थी। चुनाव के पहले इन नेताओं को जस-तस मना लिया गया और इन्होंने चुनाव में काम भी किया, लेकिन परिणाम क्या आएगा यह तो 11 दिसंबर को ही मालूम पड़ेगा और इन्होंने प्रत्याशी के पक्ष में काम किया या नहीं इसका खुलासा अलग हो जाएगा। विरोधियों की सक्रियता को देखकर कांग्रेसी भी दंग हैं।
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