रघुवंशी ने बताया, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 भाग 5 धारा 31 ख के अनुसार किसी भी वैध मतदाता का नाम आवेदन देकर कटवाने का प्रयास करने वाले व्यक्ति पर आयोग खुद कार्रवाई करता है और उसे एक वर्ष तक कारावास की सजा दी जा सकती है। मालूम हो मतदाता सूची के पहले प्रकाशन के ठीक बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव आयोग व भाजपा सहित प्रदेश सरकार पर सांठगांठ का आरोप लगाया था। पहले सूची में ही 60 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम जोडऩे का आरोप लगाया था।