हाल में गठित शहर कांग्रेस कमेटी में 800 से ज्यादा पदाधिकारी हैं, बैठक में 200 ही पहुंचे। कांग्रेसियों की मानें तो बैठक में भीड़ न जुटने की एक वजह कार्यकारी अध्यक्ष बाकलीवाल हैं, जिन्होंने शहर कांग्रेस पदाधिकारियों सहित नेताओं को बैठक में न जाने को लेकर फोन लगाए। अब इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो बाकलीवाल जाने, लेकिन बुलाने के बावजूद उनका बैठक में न आना चर्चा का विषय बना हुआ है। बैठक में कांग्रेस से जुड़े मोर्चा संगठन के पदाधिकारी और अन्य नेताओं को बुलाया गया था। इनमें से ज्यादातर टंडन से जुड़े नेता ही मौजूद थे। बैठक में मतदान के दिन अपने-अपने क्षेत्र में डटे रहने के साथ फर्जी वोटिंग रोकने और शत-प्रतिशत मतदान के लिए लोगों को घर से निकालने के लिए कहा गया।
आंखें हुईं नम टंडन बोले- मैं जीऊं या मरूं, लेकिन कांग्रेस जिंदाबाद थी, है और रहेगी। सभी से विनती है कि कांग्रेस के पक्ष में काम करके जिताने का प्रयास करें। इस बात पर कई नेताओं की आंखें नम हो गईं। टंडन भी आंसू नहीं रोक पाए।
अब अध्यक्ष आ गए हालांकि बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक निमिष शाह भी मौजूद थे, जिन्होंने टंडन को लेकर कहा कि जब भगवान राम १४ साल के वनवास पर थे, तब उनके भाई भरत ने सिंहासन पर खड़ाऊ रखकर राजपाट चलाया। उसी तरह उनके गंभीर बीमारी के चलते इलाज करवाने जाने पर मैने भरत की तरह कांग्रेस को नेताओं में समन्वय बनाकर चलाया। अब अध्यक्ष तुम्हारे बीच में है। सब मिलकर साथ देना।