एक समय भाजपा का गढ़ माने जाने वाली उज्जैन लोकसभा में सत्यनारायण जटिया जैसे खांटी नेता को हराने वाले गुड्डू ने कल भाजपा की सदस्यता लेकर सबको चौंका दिया। इसके पीछे उनका कहना है कि वे लंबे समय से उपेक्षा का शिकार हो रहे थे। कांग्रेस में जमीनी कार्यकर्ताओं की अब पूछपरख खत्म हो गई है। इधर, उनके बेटे अजीत ने तो कांग्रेस को राजा-महाराजाओं की पार्टी बता डाला था। भाजपा और कांग्रेस में अब ये जिज्ञासा का विषय है कि गुड्डू ने इतना बड़ा फैसला क्यों लिया?
पर्दे के पीछे की कहानी ये है कि टिकट वितरण को लेकर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के बीच में जमकर वाक युद्ध हुआ। गुड्डू के टिकट में भी अड़चन पैदा की जा रही थी। दिग्गी को समझ में आ गया था कि ऐसे तो उनके सारे समर्थकों को बाहर कर दिया जाएगा। उसके बाद गुड्डू के भाजपा में जाने की रणनीति तैयार हुई। बात विजयवर्गीय तक पहुंची, उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से चर्चा की। शाम को गुड्डू को पार्टी में एंट्री दे दी गई। यहां विजयवर्गीय ने सिद्ध कर दिया कि मालवा-निमाड़ की जो जिम्मेदारी पार्टी ने उन्हें सौंपी है, उस पर वे खरे हैं।
पटवारी ने यादव को टटोला जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव मूल रूप से प्रेमचंद गुड्डू से जुड़े हैं। गुड्डू के साथ उनके समर्थकों के भी भाजपा में जाने की खबर फैली, जिस पर प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तुरंत यादव को फोन लगाकर पूछा कि भैया देखो कुछ गड़बड़ तो नहीं है। इस पर यादव ने विश्वास दिलाया कि वे कहीं नहीं जा रहे हैं।
दीनदयाल भवन में होता रहा सूची का इंतजार कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची का इंतजार कल गांधी भवन से ज्यादा दीनदयाल भवन में था। संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा व नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा को दिल्ली से कुछ कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने के संकेत थे। बताते हैं कि स्थानीय स्तर पर संपर्क भी कर लिया गया था। आने वालों ने बोल भी दिया था कि सूची में गड़बड़ होने पर वे बात करेंगे।