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पर्यटकों को लुभाने में पिछड़ा पर्यटन विकास निगम

locationइंदौरPublished: Dec 23, 2018 11:13:51 am

Submitted by:

Lakhan Sharma

– स्थानीय अधिकारी भी नहीं दे रहे ध्यान

mp tourism

sangam city

लखन शर्मा, इंदौर।
जल महोत्सव नहीं होने से इस बार पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों पर्यटकों को अपने पर्यटन केंद्रो तक रिझाने में पिछड़ रहे हैं। इसका फायदा निजी सेक्टर के लोग उठा रहे हैं और साल २०१८ की विदाई और नए साल के आगमन के लिए इंदौर व आसपास बड़े बड़े इवेंट किए जा रहे हैं। जिनमें लोग रूचि ले रहे हैं। जबकि इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा करोड़ो रूपयों की लागत से तैयार किए गए पर्यटन विकास निगम के पर्यटन स्थलों से पर्यटक दूर हो रहे हैं।
कॉटेज की बुकिंग तो हो गई लेकिन रेस्टॉरेंट और वोट क्लब के लिए पर्यटन विकास निगम के अधिकारी पर्यटकों तक जानकारी नहीं पहुंचा पा रहे हैं। उधर कल से धार के मांडव में मांडू उत्सव की शुरूआत हो रही है जो २४ से शुरू होकर २९ दिसंबर तक चलेगा। इसके माध्यम से भारत वर्ष की समृद्ध शास्त्रीय एवं पारम्परिक लोक कलाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। माण्डव में जल, थल, नभ में साहसिक रोमांचकारी गतिविधियों का आयोजन भी किया जाएगा। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी इंदौर संभाग के माण्डव में माण्डव उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। धार जिले के कलेक्टर दीपक सिंह ने बताया कि माण्डव उत्सव के दौरान नृत्य, गायन, वादन के कार्यक्रम होंगे। उन्होंने बताया कि 24 से 29 दिसम्बर तक माण्डव के मीरा की जीरात में एडवेंचर्स स्पोर्ट्स का आयोजन किया गया है। इसके तहत जल, थल, नभ में रोमांचकारी खेल होंगे। मीरा की जीरात में ही सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की गई है। इसमें नृत्य, गायन एवं वादन के कार्यक्रम होंगे। 29 दिसम्बर को अशर्फी महल के सामने कवि सम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित कर समापन किया जायेगा। कवि सम्मेलन में अखिल भारतीय स्तर के कवि काव्य पाठ करेंगे। माण्डव उत्सव के माध्यम से आमजन जहाँ माण्डव की खूबसूरत वादियों का नजारा देख सकेंगे, वहीं भारतीय लोक कला एवं लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे। इस दौरान माण्डव आने वाले पर्यटकों को दो गुना आनन्द होगा। मांडू जाने वालों में इंदौर के ही सबसे अधिक पर्यटक होंगे जो इंदौर होकर वहां पहुंचेंगे। उधर पर्यटन विकास निगम ने हनुवंतिया, गांधी सागर और सैलानी टापू जैसे पर्यटन स्थल विकसित कर दिए लेकिन स्थानीय अधिकारियों की सुस्ती से इनका प्रचार प्रसार नहीं हो रहा है और इनके आसपास निजी रिसोर्ट और होटलों को इसका अधिक फायदा मिल रहा है।

– और जिम्मेदार दे रहे यह बयान
पर्यटन विकास निगम के क्षेत्रिय प्रबंधक प्रकाश उपाध्याय से जब इस संबंध में बात कि तो कहना है कि अभी सरकार नई आई है। इनके बिना कुछ नहीं हो सकता। हमारे सब स्थान पुराने हो गए हैं। जबकि गांधी सागर पर्यटन स्थल शुरू हुए अभी ६ माह भी नहीं हुए। सैलानी टापू पर करोड़ो रूपए खर्च कर काफ्रेंस हॉल, रेस्टॉरेंट व कॉटेज बनाए। पूर्व मुख्यमंत्री हनुवंतिया में केरल की तर्ज पर हनुवंतिया में हाऊसवोट लेकर आए। लेकिन अधिकारियों की सुस्ती से पर्यटक इनसे दूर हो रहे हैं।

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