विधानसभा चुनाव 2018 का बिगुल बजते ही कांग्रेस में टिकट फाइनल करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। प्रदेश में जल्दी टिकट घोषित किए जाने को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकें जारी हैं। इसके चलते सिंगल नामों को लेकर सहमति बन गई है। इन नामों में अधिकांश मौजूदा विधायक शामिल हैं। साथ ही 2013 के विधानसभा चुनाव में तीन हजार से कम वोटों से हारने वाले प्रत्याशियों के नाम को भी हरी झंडी मिलने की संभावना है। इसके अलावा सर्वे के आधार पर भी उम्मीदवारी का फैसला टिका है। साथ ही कई नेता अपने राजनीतिक आकाओं के जरिए टिकट पाने की जुगाड़ में लगे हैं। ऐसे में युकां भी पीछे नहीं है। पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए टिकट मांगने के साथ दिल्ली में लड़ाई लडऩे की पूरी तैयारी कर ली है। युकां ने टिकट मांगने वाले नेताओं से आवेदन मांगे हैं। इसके चलते ढेरों आवेदन आए, लेकिन पहली सूची में ४५ नाम तय किए गए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष यादव और राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अलावरू ने चुनाव लडऩे वालों का दिल्ली में इंटरव्यू लिया। 45 में से 22 ही पास हुए, जिनके नामों की सूची युकां ने तैयार कर स्क्रीनिंग कमेटी को सौंपने की तैयारी कर ली है। युवक कांग्रेस नेताओं का कहना है कि टिकट के लिए जो 22 नामों की सूची बनी है उसमें से अगर नाम कटते हैं तो युकां ने ऐसे 12 नाम तय कर लिए हैं जिनकी उम्मीदवारी के लिए ऊपर तक लड़ाई लड़ी जाएगी। हर हाल में टिकट लाने का प्रयास किया जाएगा। इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष गुजरात पैटर्न पर प्रदेश में टिकट वितरण करने के मूड में हैं। इसलिए हो सकता है कि कई पुराने नेताओं के नाम कटने के साथ नए चेहरे सामने लाए।
इनके लिए मांगें हैं टिकट
विधानसभा चुनाव में युकां के राष्ट्रीय अध्यक्ष यादव ने जिन के लिए टिकट मांगे है उनमें प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी के लिए कालापीपल, प्रदेश उपाध्यक्ष पिंटू जोशी इंदौर -तीन, जिलाध्यक्ष अमन बजाज इंदौर पांच, विक्रांत भूरिया झाबुआ, शंशाक दुबे जबलपुर, परशुराम सिसोदिया मल्हागढ़, सचिन बिरला बड़वाह, पंकज उपाध्याय जौरा, नेमी जैन सागर, सोमिल नाहटा मंदसौर, प्रतिभा रघुवंशी मान्धाता और राधेश्याम मुवैल मनावर के नाम शामिल हैं।