इंदौर

MPPSC ने फाइनल ऑन्सरशीट में भी कर दी चूक

सी और डी सेट में एक ही सवाल के दिए अलग-अलग जवाब, पांच और सवाल-जवाब पर असंतोष …

इंदौरMar 14, 2018 / 11:59 am

अर्जुन रिछारिया

इंदौर. मप्र लोक सेवा आयोग ने सोमवार शाम को राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2018 की फाइनल ऑन्सरशीट जारी की है। मॉडल ऑन्सरशीट पर उठे सवालों के बाद दावा किया जा रहा था कि फाइनल ऑन्सरशीट में कोई गलती नहीं रहेगी। लेकिन, इसमें एक ऐसी गलती कर दी गई जिससे पूरी व्यवस्था ही सवालों के घेरे में हैं। आयोग ने जो ऑन्सरशीट जारी की उसमें दो अलग-अलग सेट में पूछे सवालों के जवाब ही अलग बताए गए है।
इसके साथ ही अभ्यर्थी पांच और सवाल व जवाब पर असंतोष जता रहे हैं। प्रारंभिक परीक्षा के पहले पेपर में ‘भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राज्यपाल को विधानमंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रयापित करने की शक्ति प्राप्त है? ’ सवाल पूछा गया था। सेट सी में ये सवाल 95 वें और सेट डी में ये सवाल 22वें क्रमांक पर था। इसके
विकल्प में ए 155, बी 153, सी 212 और डी 213 थे।
फाइनल ऑन्सरशीट में सी सेट का जवाब 212 बताया। जबकि डी सेट का जवाब 213 बताया गया है। अ यर्थी सवाल उठा रहे है कि पीएससी की परीक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है? पीएससी ने मंगलवार तक यह स्पष्ट नहीं किया कि किस विकल्प को सही मानकर मूल्यांकन किया जाएगा। मालूम हो, पूर्व में जारी की गई मॉडल ऑन्सरशीट में भी करीब एक दर्जन जवाबों पर सैकड़ों आपत्तियां दर्ज हुई थी।
इनका निराकरण विषय विशेषज्ञों की कमेटी ने किया है। इस एक सवाल के साथ फाइनल ऑन्सरशीट के पांच अन्य सवाल-जवाबों से भी अ यर्थी नाखुश है। दावा किया जा रहा है कि एक ऐसे सवाल को हटाया है जिसका सही जवाब विकल्प में था। कालिका पुराण से संबंधित एक सवाल का भी जवाब गलत होने का दावा कर रहे है।
आयोग को अभी कोई शिकायत नहीं मिली
आपत्तियों का निराकरण विषय विशेषज्ञों ने किया है। आयोग को अभी कोई शिकायत नहीं मिली है। फाइनल ऑन्सरशीट में अगर किसी भी तरह की गलती हुई है तो इसमें सुधार कराया जाएगा।
– पवन कुमार शर्मा, सचिव, मप्र लोक सेवा आयोग
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