
Fake note
Fake note:एमपी के इंदौर शहर में बाजार में नकली नोट खपाने के मामले में लसूड़िया पुलिस ने मुंबई में मॉडलिंग कर चुके मास्टरमाइंड और उसके साथी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने टेलीग्राम ग्रुप से नकली नोट बनाने का तरीका सीखा था। उस आधार पर आरोपियों ने नागपुर में किराए के फ्लैट में विभिन्न उपकरणों से 500 और 200 के नकली नोट छापना शुरू कर दिए। गिरोह के रूप में काम कर आरोपियों ने नकली नोट खपाने के लिए मुंबई, भोपाल, इंदौर के बाजारों को चुना।
चेन सिस्टम में काम करने वाला गिरोह नकली नोट चलाने के लिए गरीब तबके को टारगेट करता, ताकि करतूत सीधे तौर पर उजागर न हो सके। आरोपी अब तक करीब 22 लाख रुपए के नकली नोट खपा चुके हैं। जोन-2 डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया, टीम ने नकली नोट की खेप प्रदेश में भेजने वाले मास्टरमाइंड आरोपी मनप्रीत सिंह विर्क (26) निवासी नागपुर और मलकीत सिंह विर्क (28) निवासी क्वार्टर नंबर 80 चॉक्स कॉलोनी (नागपुर, महाराष्ट्र) को गिरफ्तार किया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
टीम ने जांच में पाया कि आरोपी मनप्रीत पूर्व में वह मॉडल बनने के लिए मुंबई गया था। लॉकडाउन में हालत खराब होने के बाद घर लौट आया और फिर नकली नोट बनाने का काम शुरू किया। साथी मलकीत के बारे में पता चला है कि वह श्योपुर का रहने वाला है। नागपुर में नानी के घर रहकर जॉब करता था।
पड़ोस में रहने वाले मनप्रीत से उसका संपर्क हुआ। फिर दोनों नकली नोट बनाकर सप्लाय करने लगे। जब से नकली नोट गिरोह पर पुलिस कार्रवाई कर रही है, तब से कई जांच एजेंसी आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है। आइबी अधिकारी कई बार आरोपियों से जानकारी जुटा चुके हैं। अब एनआइए, एटीएस व अन्य एजेंसी भी जांच की तैयारी में हैं।
आरोपी मनप्रीत और मलकीत निवासी नागपुर में पड़ोसी हैं। मनप्रीत ने बताया, नकली नोट बनाते-बनाते उसे 8 माह हो चुके हैं। सोशल मीडिया पर महिपाल से पहचान हुई। महिपाल को 1000 के असली नोट के बदले उसे 2000 के नकली नोट देते थे। महिपाल नकली नोट के पार्सल को प्राप्त कर इंदौर और नसरूल्लागंज के आरोपियों को बेच देता।
Published on:
05 Feb 2025 11:33 am
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