एक बार फिर बियाबानी की सड़क को लेकर माहौल गरमा गया है। दो दिन पहले नगर निगम ने भारी पुलिस बल के साथ तोडफ़ोड़ की थी, जिसको लेकर खासा बवाल हुआ था। भाजपाइयों ने महापौर व विधायक मालिनी गौड़ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। हालांकि उनके विरोध का कोई असर नहीं हुआ।
तब से मामला ठंडा पड़ा था, लेकिन दो दिन पहले अचानक बवाल हो गया। नगर निगम ने बियाबानी मेनरोड जोशी मोहल्ला स्थित विष्णु मंदिर को तोड़ दिया। सड़क निर्माण में मंदिर बाधा बन रहा था। हालांकि निगम की ओर से ये ही बताया गया कि मंदिर ने विकास के लिए रास्ता छोड़ दिया लेकिन हिंदूवादी नेताओं ने इसको लेकर मोर्चा खोल दिया। आज संघ से जुड़े हिंदू जागरण मंच की टीम ने धरना दिया।
मंच के विभाग अध्यक्ष हेमंत टेके के मुताबिक निगम ने योजनाबद्ध तरीके से मंदिर को पूरी तरह से खत्म किया। हमारा कहना है कि कार्रवाई हो तो सबके साथ एक जैसी हो, भेदभाव क्यों किया जा रहा है। पास में बने वर्ग विशेष के धार्मिक स्थल को छोड़ दिया गया। उस पर एक हथौड़ा भी नहीं लगाया गया, जबकि वह भी बाधा है।
कार्रवाई में हमेशा से दोहरा मापदंड व रवैया रहता है। मंदिरों को तोड़ दिया जाता है व अन्य धार्मिक स्थलों को बचा लिया जाता है। एमजी रोड व बीआरटीएस सहित कई मार्ग इसके उदाहरण है। प्रशासन के इस भेदभाव पूर्ण रवैये के विरोध में धरना दिया गया। धरने पर वरिष्ठ नेता बब्बू पाटिल, महामंत्री राजपाल जोशी, राजा कोठारी, कृष्णा बैरागी, नितिन धारकर, हरीश भाटिया, भवानी कुशवाह और अर्जुन चौहान सहित कई कार्यकर्ता धरने पर बैठे थे।
महापौर पर साधा निशाना
हिंदू जागरण मंच ने भेदभाव को लेकर आज धरना दिया, जिसको लेकर अर्चना कार्यालय से सहमति भी ली गई। अप्रत्यक्ष तौर पर ये धरना महापौर मालिनी गौड़ के खिलाफ माना जा रहा है क्योंकि बियाबानी की 104 फीट की सड़क उनकी विशेष रुचि के चलते बनाई गई। वहीं, निगम के अफसर चार नंबर विधानसभा में उनकी बगैर मर्जी को कोई कार्रवाई नहीं करते हैं।